ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स ने एक बयान में इस बात की पुष्टी की है कि तेहरान में हमास के प्रमुख के आवास को निशाना बनाकर हमास प्रमुख इस्माइल हनिया और उनके एक अंगरक्षक की हत्या कर दी गई है. आईआरजीसी के जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि यह हमला आज सुबह यानी बुधवार तड़के किया गया है. फिलहाल घटना के कारण का पता लगाने के लिए जांच जारी है.
मंगलवार को हानिया ईरान के नए राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे और ईरान के सर्वोच्च नेता से मुलाकात की थी. IRGC ने बताया- तेहरान में उसके घर को निशाना बनाकर ब्लास्ट किया गया, इसमें हमास प्रमुख इस्माइल हनीया और उसके एक बॉडीगार्ड की हत्या कर दी गई.
हमास का पॉलिटिकल चीफ इस्माइल हानिया को मार दिया गया है. ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने इसकी पुष्टि की है. IRGC ने बताया- तेहरान में उसके घर को निशाना बनाकर ब्लास्ट किया गया, इसमें हमास प्रमुख इस्माइल हनीया और उसके एक बॉडीगार्ड की हत्या कर दी गई.
Hamas chief Ismail Haniyeh and one of his bodyguards were killed after their residence in Tehran was targeted, Iran's Islamic Revolutionary Guard Corps (IRGC) confirmed in a statement, Iranian media reports.
— ANI (@ANI) July 31, 2024
वहीं फिलिस्तीन के संगठन ने भी इसकी पुष्टि कर दी है. हमास ने कहा कि उसके नेता इस्माइल हानिया की ईरान के तेहरान में हत्या कर दी गई है. हानिया साल 2019 से ही फिलिस्तीन से बाहर रह रहा था, इस्माइल हानिया की देखरेख में ही हमास ने इजरायल पर पिछले 75 सालों में सबसे बर्बर हमले की साजिश रची थी.
The leader of Hamas has been brought to justice. Permanently.
— Ritchie Torres (@RitchieTorres) July 31, 2024
A special place in hell is reserved for him. pic.twitter.com/4mQ8cs8h4X
इसी साल यानी 2024 के अप्रैल महीने में इजरायल ने गाजा पट्टी पर एयर स्ट्राइक कर हानिया के तीन बेटों को मार गिराया था. बता दें कि इजरायल हमास के बीच 7 अक्टूबर साल 2023 में शुरू हुआ युद्ध अभी भी जारी है. इस युद्ध में कई लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी. पिछले दिनों लेबनान की तरफ से दागे गए रॉकेट हमलों में 12 इजरायली बच्चों की मौत हो गई थी.
बता दें कि हानिया ने 1987 में हमास जॉइन किया था. इस्माइल हानिया साल 2017 से हमास का चीफ पॉलिटिकल नेता बना था. हमास में निर्णय लेने वाली सर्वोच्च इकाई शूरा परिषद ने 2021 में उसे दोबारा चार साल के लिए चुना था. संगठन में उसे चुनौती देने वाला और कोई भी नहीं था. इसलिए वह निर्विरोध चुना गया था.