Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच जारी महायुद्ध में एक बार फिर बड़ा मोड़ आया है. जर्मनी ने यूक्रेन को एक विशाल सैन्य सहायता पैकेज देकर रूस के खिलाफ उसके संघर्ष को और मजबूत करने का संकेत दिया है. जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज ने अपने हालिया कीव दौरे के दौरान 650 मिलियन यूरो (लगभग 685 मिलियन डॉलर) की सैन्य मदद की घोषणा की. यह घोषणा ऐसे समय में आई है, जब रूस ने युद्ध के मैदान पर अपनी पकड़ और मजबूत कर ली है.
जर्मनी के इस नए सहायता पैकेज में हवाई सुरक्षा प्रणालियां, टैंक और ड्रोन शामिल हैं. यह मदद यूक्रेन के लिए बेहद अहम साबित होगी, खासतौर पर सर्दियों के दौरान जब रूस ने यूक्रेन की ऊर्जा आपूर्ति पर हमला तेज कर दिया है. हालांकि, शोल्ज़ ने टॉरस क्रूज़ मिसाइलों की आपूर्ति करने से इनकार कर दिया, क्योंकि उन्हें आशंका है कि इससे रूस के साथ सीधा टकराव बढ़ सकता है.
जर्मनी के भीतर यह मुद्दा राजनीतिक रूप से भी विवाद का विषय बन गया है. विपक्षी नेताओं ने यूक्रेन के लिए और अधिक समर्थन देने की मांग की है. प्रमुख विपक्षी नेता फ्रेडरिक मर्ज़ ने चांसलर शोल्ज़ के सावधानीपूर्ण दृष्टिकोण की आलोचना करते हुए इसे जर्मनी की सुरक्षा के लिए जोखिमपूर्ण बताया है.
यूरोपीय नेताओं ने यूक्रेन के प्रति एकजुटता दिखाने के प्रयास तेज कर दिए हैं. यूरोपीय संघ के नए अधिकारी कीव पहुंचे, जहां उन्होंने यूक्रेन को लगातार समर्थन देने का वादा किया. यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने इस दौरान नाटो सदस्यता और पश्चिमी सुरक्षा गारंटी की अपनी मांग दोहराई.
रूस ने यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में अपनी सैन्य गतिविधियां बढ़ा दी हैं. इसके साथ ही, अमेरिका में ट्रंप प्रशासन की संभावित वापसी से नीतियों में बदलाव की अटकलें तेज हो गई हैं. इन परिस्थितियों में, शोल्ज़ ने आश्वासन दिया कि जर्मनी यूक्रेन का सबसे बड़ा यूरोपीय समर्थक बना रहेगा.