Syrian Civil War: पिछले कुछ दिनों से सीरिया में जो कुछ भी हो रहा है, वो इस बात के सबूत हैं कि मध्य-पूर्व में युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस बीच खबर आ रही है कि, सीरिया में विद्रोहियों ने हाल ही में रूसी निर्मित हथियार और भारी मात्रा में गोला-बारूद पर कब्जा कर लिया है. शनिवार को सीरियाई विद्रोहियों ने अलेप्पो के ज्यादातर इलाकों पर कब्जा कर लिया और देश के सबसे बड़े शहर अलेप्पो के हवाई अड्डे पर नियंत्रण स्थापित किया. इसके बाद, उन्होंने नजदीकी प्रांत में भी अपना आक्रामक अभियान फैलाया.
युद्ध पर नज़र रखने वाली संस्था सीरियन ऑब्ज़र्वेटरी फ़ॉर ह्यूमन राइट्स ने कहा कि हयात तहरीर अल-शाम के नेतृत्व में विद्रोहियों ने अलेप्पो अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कब्ज़ा कर लिया है, जो विद्रोहियों द्वारा नियंत्रित होने वाला पहला अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है. लड़ाकों ने दावा किया कि उन्होंने हवाई अड्डे पर कब्ज़ा कर लिया है और वहां से तस्वीरें पोस्ट की हैं. जिसमें हथियारों का विशाल भंडार दिखाया गया है, जिसे अब उन्होंने अपने कब्ज़े में ले लिया है.
जानिए विद्रोहियों ने कहां और क्या किया कब्जा?
रूसी समाचार आउटलेट बाज़ा न्यूज़ द्वारा टेलीग्राम पर शेयर की गई तस्वीरों के अनुसार, विद्रोहियों ने रूसी निर्मित पैंटसिर एयर डिफेंस मिसाइल और गन सिस्टम, और एस-200 एयर डिफेंस सिस्टम पर भी कब्जा किया. पैंटसिर सिस्टम में मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें और एंटी-एयरक्राफ्ट आर्टिलरी सिस्टम होते हैं, जबकि एस-200 एक लंबी दूरी की और उच्च ऊंचाई वाली सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल सिस्टम है.
ये दोनों सिस्टम पहले सोवियत रूस द्वारा विकसित की गई थीं. इसके अलावा, एक अन्य स्रोत ने बताया कि विद्रोहियों ने छोटे हथियारों, गोला-बारूद, और बख्तरबंद गाडियों के अलावा एक एमआई-8 हेलीकॉप्टर और एक एल-39 लड़ाकू ट्रेनिंग विमान भी कब्जे में लिया है.
रूस की प्रतिक्रिया और विद्रोहियों का उत्साह
हालांकि, रूस ने इस घटना पर आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, विद्रोहियों को सीरियाई सेना से रूसी निर्मित हथियार मिलते हुए देखा गया है. विद्रोहियों ने रूसी ध्वज जलाए और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ नारेबाजी की.
पुतिन सीरिया में अपनी स्थिति को लेकर बहुत चिंतित
वॉर एक्सपर्ट प्रोफेसर एंथनी ग्लीस के अनुसार, पुतिन सीरिया में अपनी स्थिति को लेकर बहुत चिंतित हैं. उन्होंने कहा, "पुतिन एक साथ दो मोर्चों पर युद्ध लड़ रहे हैं, जो ऐतिहासिक रूप से बहुत मुश्किल होता है. प्रोफेसर ग्लीस ने यह भी कहा, "पुतिन इस समय एक मुश्किल स्थिति में हैं, और वह अब यह महसूस कर रहे हैं कि उन्होंने बहुत बड़ी चुनौती ले ली है.