This Week Is Crucial for India Diplomatically: यह सप्ताह भारत कूटनीतिक रूप से काफी अहम रहने वाला है. जहां व्यापार, सुरक्षा, आर्थिक और रणनीतिक साझेदारियां एक-दूसरे से जुड़ती दिख रही हैं. 27 अगस्त से लागू होने वाले अतिरिक्त अमेरिकी टैरिफ से निपटने से लेकर चीन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में उच्च-स्तरीय बैठकों और जापान की एक प्रभावशाली यात्रा तक नई दिल्ली के भू-राजनीतिक कदमों पर दुनिया भर की पैनी नजर रहने की संभावना है.
इस सप्ताह की शुरुआत सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फिजी के प्रधानमंत्री सिटिवेनी लीगा अमादा राबुका के बीच हुई बातचीत से हुई. बातचीत में व्यापार और निवेश जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को मज़बूत करने पर ज़ोर दिया गया.
दक्षिण प्रशांत क्षेत्र का एक राष्ट्र, फिजी, समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में भारत के लिए महत्वपूर्ण है और दोनों देशों के बीच मज़बूत सांस्कृतिक और जन-जन संबंध हैं. उल्लेखनीय है कि भारत और फिजी के बीच संबंध 1879 में तब शुरू हुए जब ब्रिटिश सरकार ने भारतीय मज़दूरों को अनुबंध प्रणाली के तहत फिजी ले जाया था.
भारत पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ
मुख्य ध्यान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा अमेरिका में प्रवेश करने वाले भारतीय सामानों पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने पर रहेगा, जो 27 अगस्त से लागू होगा. पहले घोषित 25 प्रतिशत टैरिफ पहले से ही प्रभावी है. भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर बातचीत के लिए एक अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल इस सप्ताह भारत आने वाला था. हालाँकि, ट्रम्प द्वारा रूसी तेल व्यापार को लेकर भारत पर अतिरिक्त शुल्क लगाने के कारण टीम का दौरा रद्द कर दिया गया.
प्रधानमंत्री मोदी जापान की यात्रा पर
प्रधानमंत्री मोदी 29 से 30 अगस्त तक जापान की यात्रा पर रहेंगे. वह 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे. प्रधानमंत्री मोदी और उनके जापानी समकक्ष शिगेरु इशिबा रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी, रक्षा एवं सुरक्षा, व्यापार एवं अर्थव्यवस्था, प्रौद्योगिकी और नवाचार सहित विभिन्न विषयों पर बातचीत करेंगे. प्रधानमंत्री मोदी की यह आठवीं जापान यात्रा होगी. भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा हिंद-प्रशांत क्षेत्र और उसके बाहर शांति, समृद्धि और स्थिरता के लिए दोनों देशों की प्रतिबद्धता की पुष्टि करेगी. उन्होंने कहा कि यह हमारी मित्रता को और मज़बूत करेगी और सहयोग के नए रास्ते खोलेगी.
भारत-चीन संबंध - प्रधानमंत्री मोदी 7 साल के अंतराल के बाद चीन की यात्रा पर
सात साल से ज़्यादा के अंतराल के बाद, प्रधानमंत्री मोदी 31 अगस्त को वार्षिक शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन की यात्रा करेंगे. अपनी चीन यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे. इस यात्रा को पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद को लेकर तनावपूर्ण संबंधों के बाद द्विपक्षीय संबंधों में आई नरमी का संकेत माना जा रहा है. प्रधानमंत्री मोदी 31 अगस्त से 1 सितम्बर तक चीन के शहर तियानजिन में रहेंगे. इस यात्रा की घोषणा चीनी विदेश मंत्री वांग यी की दो दिवसीय नई दिल्ली यात्रा के बाद की गई, जिसके दौरान दोनों देशों ने "स्थिर, सहयोगात्मक और दूरदर्शी संबंधों" के लिए कई उपायों पर निर्णय लिया.
तियानजिन में वैश्विक दक्षिण एकजुटता
ग्लोबल साउथ की ताकत के एक बड़े प्रदर्शन के तहत, लगभग 20 विश्व नेता शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के लिए तियानजिन में एकत्रित होंगे. इस शिखर सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति पर सबसे ज़्यादा नज़र रहेगी. इस सम्मेलन का समय और भी महत्वपूर्ण प्रतीत होता है क्योंकि शी जिनपिंग ऐसे समय में 20 से ज़्यादा विश्व नेताओं को इकट्ठा कर रहे हैं जब देश अमेरिकी टैरिफ की मार झेल रहे हैं.