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पाकिस्तान की ISI और चीन की करीबी! खालिदा जिया के वो भारत विरोधी राज, जिसे जानकर हैरान रह जाएंगे आप

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया का 80 साल की उम्र में निधन हो गया है. उनका चेहरा भारत विरोधी के रूप में देखा जाता है और आइए इसके पीछे का कारण जानते हैं.

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पाकिस्तान की ISI और चीन की करीबी! खालिदा जिया के वो भारत विरोधी राज, जिसे जानकर हैरान रह जाएंगे आप
Courtesy: X

नई दिल्ली: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया का 80 साल की उम्र में निधन हो गया है. वे बांग्लादेशी की तीन बार प्रधानमंत्री रहीं और वे वहां की सबसे ताकतवर महिला के रूप में जानी जाती हैं. खालिदा का राजनीतिक सफर किसी प्रेरणा से कम नहीं रहा है.

खालिदा जिया का आम गृहिणी से लेकर प्रधानमंत्री के पद तक पहुंचना हर किसी को प्रेरणा देता है. हालांकि, भारत के मामले में उनका रुख अलग था. उन्हें भारत के विरोधी के रूप में देखा जाता है और हमें ऐसा उनके द्वारा लिए गए निर्णय में भी दिखाई देता है.

बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की प्रमुख

वे बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) की प्रमुख नेता रही हैं. उनके शासनकाल में भारत के साथ संबंधों में तनाव रहा. खासकर 2001 से 2006 तक के उनके दूसरे कार्यकाल में भारत विरोधी गतिविधियां बढ़ीं. इस दौरान सुरक्षा चुनौतियां पैदा हुईं. कई लोग मानते हैं कि बीएनपी की नीतियां और गठबंधन भारत के हितों के खिलाफ थे.

राजनीतिक रुख और चुनावी मुद्दे

खालिदा जिया की पार्टी बीएनपी ने भारत को अक्सर राजनीतिक मुद्दा बनाया. उन्होंने आरोप लगाया कि भारत बांग्लादेश की आंतरिक मामलों में दखल देता है. अवामी लीग पार्टी के भारत से अच्छे संबंधों को लेकर बीएनपी ने आलोचना की. 

चुनावों में भारत विरोधी भावनाओं को भुनाया गया, जिससे उनकी पार्टी को फायदा मिला. बांग्लादेश में भारत के प्रति नकारात्मक धारणा बनी. विपक्ष में रहते हुए भी खालिदा जिया ने भारत विरोधी बयान दिए. 

सुरक्षा संबंधी चिंताएं

खालिदा जिया के शासन में बांग्लादेश को भारत विरोधी ताकतों के लिए सुरक्षित जगह माना गया. पूर्वोत्तर भारत के विद्रोही समूहों जैसे उल्फा को बांग्लादेश में पनाह मिली. इन समूहों ने बांग्लादेश से भारत में हमले किए. 

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने भी उस समय बांग्लादेश में अपनी गतिविधियां बढ़ाईं. कई आतंकी घटनाओं में बांग्लादेश का इस्तेमाल हुआ. जब शेख हसीना सत्ता में आईं तो उन्होंने इन विद्रोहियों पर कार्रवाई की और कुछ को भारत को सौंपा. 

चीन और पाकिस्तान से निकटता

बीएनपी सरकार चीन के साथ बहुत करीब रही. चीन ने बांग्लादेश की आजादी का विरोध किया था और शेख मुजीब की हत्या के बाद ही मान्यता दी. इसी वजह से खालिदा जिया के समय चीन से रक्षा और व्यापार संबंध मजबूत हुए. 

पाकिस्तान से भी उनके अच्छे रिश्ते थे. बीएनपी को पाकिस्तान समर्थक माना जाता है. इन देशों से निकटता को भारत विरोधी नीति के रूप में देखा जाता है. जमात-ए-इस्लामी जैसे इस्लामी दलों से गठबंधन ने भी भारत विरोधी छवि बनाई.

तारिक रहमान का ISI से संबंध

खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान का भी आईएसआई से संबंध था. कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि तारिक रहमान ने शेख हसीना सरकार को उखाड़कर फेंकने में अहम भूमिका निभाई थी और इसमें आईएसआई की भी भूमिका रही थी.