menu-icon
India Daily

पाकिस्तान में महिलाएं बन रहीं हैं दूल्हा....वहां के युवा क्यों पसंद कर रहे हैं फेक वेडिंग? जानें

पाकिस्तान में युवाओं के बीच फेक वेडिंग का चलन बढ़ रहा है, जिसमें बिना असली शादी के पारंपरिक जश्न मनाया जाता है.

auth-image
Edited By: Km Jaya
Pakistani weddings India daily
Courtesy: Pinterest

नई दिल्ली: पाकिस्तान में इन दिनों युवाओं के बीच फेक वेडिंग यानी नकली शादी का चलन तेजी से बढ़ रहा है. यह ट्रेंड खासतौर पर शहरी युवाओं और शिक्षित वर्ग में लोकप्रिय हो रहा है. फेक वेडिंग एक ऐसा सामाजिक आयोजन है, जिसमें बिना असली शादी और आजीवन रिश्ते की जिम्मेदारी के पूरे शादी जैसे जश्न का अनुभव लिया जाता है. इन आयोजनों में मेहंदी, संगीत, नृत्य, पारंपरिक सजावट और दूल्हा दुल्हन की तरह तैयार लोग शामिल होते हैं. 

खास बात यह है कि कई फेक वेडिंग में दूल्हा भी महिला ही होती है, हालांकि इसे समलैंगिक विवाह नहीं माना जाता. रिपोर्ट के अनुसार, पहली नजर में यह आयोजन पूरी तरह पारंपरिक पाकिस्तानी मेहंदी जैसा लगता है. गेंदे के फूलों से सजी स्टेज, पीले और चमकीले रंगों की सजावट और पारंपरिक कपड़े सब कुछ असली शादी जैसा होता है लेकिन इसमें कोई कानूनी या सामाजिक बंधन नहीं होता.

कब से  चर्चा में आया ट्रेंड?

साल 2023 से यह ट्रेंड तेजी से चर्चा में आया, जब लाहौर यूनिवर्सिटी ऑफ मैनेजमेंट साइंसेज में आयोजित एक फेक वेडिंग ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया का ध्यान खींचा. हालांकि इस आयोजन के वायरल होने के बाद विश्वविद्यालय और छात्रों को सोशल मीडिया पर काफी आलोचना और ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा.

कैसी रही लोगों की प्रतिक्रिया?

LUMS छात्र परिषद के पूर्व अध्यक्ष सैराम एच. मिरान ने बताया कि लोगों ने इसे अभिजात्य संस्कृति से जोड़कर देखा, जिससे नकारात्मक प्रतिक्रियाएं ज्यादा आईं. इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन और छात्र परिषद ने सुरक्षा और गोपनीयता को लेकर ज्यादा सतर्कता बरतनी शुरू की.

क्या है इसका आकर्षण?

फेक वेडिंग का सबसे बड़ा आकर्षण महिलाओं के लिए सुरक्षित और स्वतंत्र माहौल माना जा रहा है. यहां महिलाएं बिना पारिवारिक दबाव और सामाजिक निगरानी के पारंपरिक शादी के जश्न का आनंद ले सकती हैं. मेहंदी, गीत, संगीत और नृत्य जैसे कार्यक्रमों में महिलाएं खुलकर हिस्सा लेती हैं.

पाकिस्तान का वेडिंग इंडस्ट्री करीब 900 अरब पाकिस्तानी रुपये का माना जाता है. फेक वेडिंग्स ने इस उद्योग में भी अपनी जगह बना ली है. इस्लामाबाद में शाम ए मस्ताना जैसे आयोजनों के जरिए लोक संगीत, फैशन और संस्कृति को नए तरीके से पेश किया जा रहा है. आयोजकों का कहना है कि यह पारंपरिक शादियों की कॉपी पेस्ट शैली से अलग एक रचनात्मक विकल्प है.