अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को अपने व्यापक टैरिफ नीति की सराहना करते हुए इसे शेयर बाजार में रिकॉर्ड वृद्धि और सरकारी राजस्व में उछाल का कारण बताया. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि अदालत ने इस फैसले को पलटा तो इसके विनाशकारी परिणाम होंगे. बता दें यह मामला US कोर्ट ऑफ अपील्स फॉर द फेडरल सर्किट में चल रहा है.
टैरिफ का सकारात्मक प्रभाव
ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल पोस्ट में लिखा, "टैरिफ का शेयर बाजार पर बहुत बड़ा सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है. लगभग हर दिन नए रिकॉर्ड बन रहे हैं." उन्होंने दावा किया कि "सैकड़ों अरब डॉलर" अमेरिकी खजाने में आ रहे हैं. ट्रंप ने चेतावनी दी कि यदि "कट्टरपंथी वामपंथी अदालत" ने इन उपायों को रद्द किया, तो "यह 1929 जैसी महामंदी होगी!"
नए टैरिफ लागू
यह बयान 60 से अधिक देशों और यूरोपीय संघ से आयातित सामानों पर 10% या उससे अधिक टैरिफ लागू होने के कुछ घंटों बाद आया. यूरोपीय संघ, जापान और दक्षिण कोरिया के उत्पादों पर अब 15% शुल्क लगाया जा रहा है, जबकि ताइवान, वियतनाम और बांग्लादेश से आयात पर 20% टैरिफ लागू है. ट्रंप ने हाल ही में भारत के रूसी तेल खरीद का हवाला देते हुए भारतीय सामानों पर 25% अतिरिक्त शुल्क लगाया, जिससे कुल टैरिफ दर 50% हो गई. स्विस निर्यात, फार्मास्यूटिकल्स और कंप्यूटर चिप्स पर भी भारी शुल्क लगाए गए हैं.
आर्थिक विकास का दावा
ट्रंप ने तर्क दिया कि टैरिफ अमेरिका की "धन, शक्ति और प्रभाव" को बनाए रखने के लिए आवश्यक हैं. उन्होंने कहा, "हमारा देश सफलता और महानता का हकदार है, न कि अशांति, विफलता और अपमान. भगवान अमेरिका को आशीर्वाद दे!" ट्रंप ने अप्रैल से एसएंडपी 500 में 25% से अधिक की वृद्धि और हाल ही में हस्ताक्षरित कर कटौती को अर्थव्यवस्था में "अभूतपूर्व" विकास के सबूत के रूप में पेश किया.
ट्रंप का आत्मविश्वास
ट्रंप ने खुद को चुनौतियों से जूझने वाला अद्वितीय नेता बताते हुए लिखा, "इतिहास में किसी ने मेरी तरह परीक्षाओं, कष्टों और अनिश्चितताओं का सामना नहीं किया." उन्होंने भरोसा जताया कि "आश्चर्यजनक रूप से सुंदर चीजें हो सकती हैं." हालांकि, अर्थशास्त्रियों ने चेतावनी दी है कि टैरिफ से रोजगार में कमी, कीमतों में वृद्धि और व्यापारिक रिश्तों में तनाव आ रहा है.