Donald Trump: अमेरिका में इसी साल राष्ट्रपति के चुनाव होने है. इस वजह से राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ गई हैं. पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान चिंगारी की तरह अमेरिका में फैल रहे हैं. ये आग धर्म के नाम पर लगाई जा रही है. सोमवार को उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जो यहूदी डेमोक्रेट्स को वोट करते हैं वो इजरायल और अपने धर्म से नफरत करते हैं. ट्रंप के इस बयान ने आग में घी डालने का कम कर दिया है. अभी चिंगारी किसी वक्त लग सकती है. क्योंकि उन्होंने सीधे तौर पर यहूदियों के धर्म पर सवाल खड़ा कर दिया है.
पिछले सप्ताह ही डोनाल्ड ट्रंप को रिपब्लिकन पार्टी का संभावित राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया गया था. अब ट्रंप खुले रूप से एक से एक विवादित बयान दे रहे हैं. पिछले हफ्ते उन्होंने कहा था कि अगर वो चुनाव हारे तो अमेरिका में खून की नदियां बहेंगी. अब उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि कोई भी यहूदी व्यक्ति जो डेमोक्रेट्स को वोट देते हैं वो अपने धर्म से नफरत करते हैं. वो इजरायल से जुड़ी हर एक चीज पर नफरत करते हैं. उन्हें इस पर शर्म आनी चाहिए क्योंकि इससे इजरायल तबाह हो जाएगा.
अमेरिकी चुनाव में यहूदी अहम भूमिका निभाते. जिस ओर वो झुक गए उस पार्टी की जीत की संभावना अधिक हो जाती है. ट्रंप के यहूदी विरोधी बयान पर यहूदी नेताओं के बयान आना शुरू हो चुके हैं. यहूदी खुद को डेमोक्रेट्स के रूप में प्रदर्शित करते हैं. लेकिन ट्रंप हमेशा उन पर तरह-तरह के आरोप लगाते रहते हैं.
व्हाइट हाउस के स्पोकपर्सन एंड्र्यू बेट्स ने डोनाल्ड ट्रंप का नाम लिए बिना उनके बयान को यहूदी विरोधी बताया है. और कहा कि यहूदियों के खिलाफ ट्रंप द्वारा किया गया ये सबसे घातक हमला है.
डेमोक्रेट्स की ओर से ट्रंप के बयान पर कहा गया कि केवल एक व्यक्ति को शर्मिंदा होना चाहिए, वो हैं डोनाल्ड ट्रंप. स्पोकपर्सन जेम्स सिंगर ने कहा कि ट्रंप में नवंबर में फिर हारने वाले हैं क्योंकि अमेरिकी उनकी नफरतभरी बयानबाजी सुनकर ऊब चुके हैं.
डोनाल्ड ट्रंप का यह बयान तब आया है जब राष्ट्रपति जो बाइडेन को अपने ही पार्टी से इजरायल द्वारा हमास के हमले पर चैलेंज फेस करना पड़ा रहा है.
गाजा की हेल्थ मिनिस्ट्री के अनुसार इजरायल और हमास के बीच बीते साल 7 अक्टूबर से शुरू हुए हमले में अब तक 30,000 फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है.