menu-icon
India Daily

'वो मुझे अवॉर्ड नहीं देंगे क्योंकि...', नोबेल शांति पुरस्कार को लेकर ट्रंप का बयान

Trump Nobel Peace Prize: भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम का सारा श्रेय पाकिस्तान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को दे रहा है. इसे लेकर पाकिस्तान का कहना है इसके लिए ट्रंप को नोबल प्राइज दिया जाना चाहिए.

Shilpa Shrivastava
Edited By: Shilpa Srivastava
Trump Nobel Peace Prize

Trump Nobel Peace Prize: भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम का सारा श्रेय पाकिस्तान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को दे रहा है. इसे लेकर पाकिस्तान का कहना है इसके लिए ट्रंप को नोबल प्राइज दिया जाना चाहिए. इसे लेकर ट्रंप का भी बड़ा बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने कहा, "रवांडा, कांगो, सर्बिया, कोसोवो और खास तौर पर भारत और पाकिस्तान की मदद के लिए उन्हें मुझे नोबेल पुरस्कार देना चाहिए. मुझे इसे पहले ही चार या पांच बार जीतना चाहिए था."

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर कहा है कि वह नोबेल शांति पुरस्कार के हकदार हैं, खासकर तब जब पाकिस्तान ने आधिकारिक तौर पर उन्हें 2026 के पुरस्कार के लिए नॉमिनेट किया है. ट्रंप का मानना ​​है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान और कांगो और रवांडा के बीच दुनिया भर में कई जगहों पर संघर्षों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

पाकिस्तान कर रहा ट्रंप की प्रशंसा:

बता दें कि पाकिस्तान ने हाल ही में 2025 में भारत-पाकिस्तान संकट के दौरान ट्रंप द्वारा की गई कार्रवाई की प्रशंसा की. साथ ही कहा कि उनके नेतृत्व ने संभावित युद्ध को टालने में मदद की. सोशल मीडिया X पर एक पोस्ट में, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने लिखा कि ट्रंप ने मजबूत तरह से नेतृत्व दिखाया जिससे दोनों देशों को युद्धविराम का फैसला लेने में मदद मिली. 

ट्रंप ने यह भी दावा किया कि कांगो और रवांडा के बीच शांति समझौते पर जल्द ही हस्ताक्षर किए जाएंगे. हालांकि, इसे लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है. अमेरिका इस शांति समझौते में शामिल है. साथ ही ट्रंप ने कहा कि वो उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार नहीं देते क्योंकि वो इसे केवल उदारवादियों को देते हैं.

बता दें कि इससे पहले ट्रंप को कई नोबेल पुरस्कार नॉमिनेशन मिले हैं लेकिन उन्होंने कभी भी अवॉर्ड नहीं जीता है. नोबेल शांति पुरस्कार हर साल नॉर्वे की एक समिति द्वारा दिया जाता है और यह उन लोगों को दिया जाता है जो दुनिया में शांति को बढ़ावा देने के लिए काम करते हैं. समिति ने कभी भी ट्रंप के नामांकन या जीतने की संभावनाओं के बारे में सार्वजनिक रूप से बात नहीं की है.