रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक बार फिर यूक्रेन पर अपने दावे को दोहराते हुए कहा कि रूस और यूक्रेनी लोग एक ही हैं और इस दृष्टिकोण से पूरा यूक्रेन रूस का हिस्सा है. इसके साथ ही, उन्होंने रूस और ईरान के बीच परमाणु सहयोग को पूरी तरह सुरक्षित बताते हुए ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम को समर्थन देने की बात कही. पुतिन ने यह बयान सेंट पीटर्सबर्ग में आयोजित अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मंच (SPIEF) में एक सवाल के जवाब में दिया.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा, “हम यूक्रेन की संप्रभुता को नकारते नहीं हैं, लेकिन 1991 में जब यूक्रेन स्वतंत्र हुआ, तब वह एक तटस्थ राष्ट्र था, और अब उसकी दिशा बदल गई है.” उन्होंने रूस की एक पुरानी कहावत का जिक्र करते हुए कहा, “जहां रूसी सैनिक का पैर पड़ा, वह इलाका हमारा हो जाता है.” पुतिन ने दावा किया कि रूस यूक्रेन में अपनी सुरक्षा और रणनीतिक हितों की रक्षा के लिए कार्रवाई कर रहा है. उन्होंने अमेरिका और नाटो पर आरोप लगाया कि उन्होंने पूर्व की ओर विस्तार करके पुराने वादों को तोड़ा और यूक्रेन में तख्तापलट के लिए अरबों डॉलर खर्च किए. उन्होंने आगे कहा, “रूस ने क्रीमिया और डोनबास में रूसी मूल के नागरिकों की रक्षा के लिए कदम उठाए.
ईरान के साथ परमाणु सहयोग
रूस और ईरान के बीच परमाणु सहयोग पर बोलते हुए पुतिन ने कहा कि ईरान के बुशहर परमाणु ऊर्जा संयंत्र में काम सुचारू रूप से चल रहा है और वहां से कर्मचारियों को हटाया नहीं गया है. “रूस, ईरान को उसके वैध हितों की रक्षा के लिए पूरा समर्थन देता है, जिसमें शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम भी शामिल है,” उन्होंने कहा. पुतिन ने यह भी जोड़ा, “ईरान को अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग का पूरा अधिकार है.” उन्होंने इजरायल-ईरान तनाव पर एक समाधान प्रस्ताव रखने की बात कही, जिस पर इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू, ईरान के राष्ट्रपति पेज़ेश्कियान और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ उनकी चर्चा हुई.
रूस की विश्वसनीयता पर जोर
पुतिन ने उन आरोपों को खारिज किया, जिनमें रूस को अविश्वसनीय साझेदार बताया जाता है. “जो लोग यह दावा करते हैं कि रूस एक भरोसेमंद साझेदार नहीं है, वे सिर्फ उकसाने की कोशिश कर रहे हैं,” उन्होंने कहा. पुतिन ने जोर देकर कहा कि रूस हमेशा अपने साझेदारों के साथ खड़ा रहा है और अपनी जिम्मेदारियों को निभाता आया है. उनका कहना था कि ऐसे बयान केवल गलतफहमी फैलाने और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को नुकसान पहुंचाने के लिए दिए जाते हैं.
आर्थिक प्रगति और वैश्विक साझेदारियां
रूसी मीडिया RT के अनुसार, पुतिन ने बताया कि युद्ध और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के बावजूद रूस की जीडीपी प्रतिवर्ष 4% से अधिक की दर से बढ़ रही है. “2000 में रूस में गरीबी दर 29% थी, जो 2024 तक घटकर 7.2% रह गई है,” उन्होंने कहा. पुतिन ने चीन और भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने की बात कही. “रूस और चीन के बीच 2030 तक सहयोग को और गहरा किया जाएगा, और भारत के साथ भी ऐसा ही समझौता होगा,” उन्होंने बताया. ये साझेदारियां तकनीकी प्लेटफॉर्म, ऑनलाइन रिटेल और संयुक्त विकास परियोजनाओं पर केंद्रित होंगी.