नई दिल्ली: ASEAN शिखर सम्मेलन मलेशिया के कुआलालंपुर में शुरू हो गया है, जहां कई महत्वपूर्ण वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा होने वाली है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रविवार को मलेशिया पहुंचे और उन्होंने व्यापार वार्ता के साथ-साथ थाईलैंड और कंबोडिया के बीच शांति समझौते की निगरानी की. ट्रंप अपने एशिया दौरे के हिस्से के रूप में जापान और दक्षिण कोरिया भी जाएंगे और उन्होंने उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन से मिलने की संभावना का संकेत दिया.
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सम्मेलन में व्यक्तिगत रूप से शामिल नहीं हो पाएंगे वे वर्चुअल माध्यम से भाग ले रहे हैं. यह कदम समय और अन्य कार्यक्रमों के कारण लिया गया, और भारत की ओर से विदेश मंत्री एस जयशंकर कई महत्वपूर्ण बैठकों में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. मोदी की अनुपस्थिति के कारण अमेरिका-भारत के बीच संभावित द्विपक्षीय वार्ता नहीं हो पाएगी.
ASEAN शिखर सम्मेलन में इस बार सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है ईस्ट टिमोर का ब्लॉक में शामिल होना. 14 साल की लंबी कोशिश के बाद ईस्ट टिमोर रविवार को ASEAN का 11वां सदस्य बन गया. ईस्ट टिमोर के प्रधानमंत्री जानाना गुस्माओ ने कहा कि यह एक सपना साकार होने के साथ-साथ उनकी यात्रा का एक प्रेरणादायक नया अध्याय है. मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने कहा कि ईस्ट टिमोर का शामिल होना ASEAN परिवार को पूरा करता है और क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करता है.
इस शिखर सम्मेलन के दौरान थाईलैंड और कंबोडिया के बीच शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे, जो जुलाई में हुए सबसे घातक संघर्षों के बाद आया. जुलाई में हुई झड़पों में 40 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 3 लाख लोग विस्थापित हुए थे. पांच दिन की लड़ाई के बाद दोनों देशों ने युद्धविराम पर सहमति जताई थी, जिसमें आंशिक रूप से अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने मध्यस्थता की.
ASEAN शिखर सम्मेलन में सदस्य देशों के बीच आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक-सांस्कृतिक मुद्दों पर द्विवार्षिक चर्चा होती है. इस ब्लॉक में अब मलेशिया, थाईलैंड, वियतनाम, ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर और ईस्ट टिमोर शामिल हैं. सम्मेलन 26 अक्टूबर से 28 अक्टूबर तक चलने वाला है. इस साल का सम्मेलन व्यापार, शांति, क्षेत्रीय सहयोग और सदस्य देशों के बीच द्विपक्षीय वार्ता के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है. ट्रंप की मौजूदगी और ईस्ट टिमोर के शामिल होने से क्षेत्रीय राजनीतिक और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है.