नई दिल्ली: अमेरिका की राजनीति में एक बार फिर तनाव का माहौल बन गया है, क्योंकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को एक विवादित दावा करते हुए कहा कि वह बाइडेन कार्यकाल में जारी सभी कार्यकारी आदेशों को रद्द कर रहे हैं, जिन्हें ऑटोपेन से साइन किया गया था. ट्रंप का कहना है कि इन दस्तावेजों पर जो हस्ताक्षर किए गए हैं, वे कानूनी रूप से वैध नहीं हैं, क्योंकि वे सीधे तौर पर पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन ने नहीं किए थे.
उनके इस बयान के बाद अमेरिकी राजनीतिक हलकों में तीखी बहस शुरू हो गई है.ट्रंप ने यह घोषणा अपने ट्रुथ सोशल प्लेटफॉर्म पर एक लम्बे और तीखे पोस्ट में की. उन्होंने लिखा कि बाइडेन कार्यकाल के लगभग बानवे प्रतिशत दस्तावेज ऑटोपेन से साइन किए गए थे, जिसे वह अवैध मानते हैं जब तक कि राष्ट्रपति स्वयं इसकी अनुमति न दें. उन्होंने दावा किया कि ऐसे सभी दस्तावेज अब से खत्म माने जाएंगे.
( @realDonaldTrump - Truth Social Post )
— Donald J Trump Posts TruthSocial (@TruthTrumpPost) November 28, 2025
( Donald J. Trump - Nov 28, 2025, 2:37 PM ET )
Any document signed by Sleepy Joe Biden with the Autopen, which was approximately 92% of them, is hereby terminated, and of no further force or effect. The Autopen i… pic.twitter.com/cb0oLPXKdQ
ट्रंप ने यहां तक कहा कि जो भी व्यक्ति यह दावा करेगा कि बाइडेन ने इन दस्तावेजों को मंजूर किया है, उस पर झूठी गवाही देने का मामला चलाया जाएगा. हालांकि ट्रंप ने अपने दावों के समर्थन में कोई प्रमाण पेश नहीं किया है. ट्रंप इससे पहले भी बाइडेन के ऑटोपेन प्रयोग का मजाक उड़ा चुके हैं. कुछ महीने पहले उन्होंने व्हाइट हाउस के बाहर बनाए गए प्रेसिडेंशियल वॉक ऑफ फेम में सभी पूर्व राष्ट्रपतियों की तस्वीरें लगाईं, लेकिन बाइडेन की जगह ऑटोपेन से हस्ताक्षर की हुई एक तस्वीर लगा दी. यह ट्रंप का यह संकेत था कि वह मानते हैं कि बाइडेन ने अपने अधिकारों का पूरा इस्तेमाल नहीं किया था.
ट्रंप लंबे समय से यह आरोप लगाते रहे हैं कि बाइडेन प्रशासन कई अहम दस्तावेज ऑटोपेन के जरिए साइन करवा रहा था, जबकि वे खुद इन फैसलों में सक्रिय नहीं थे. उन्होंने राष्ट्रपति क्षमाओं से लेकर कई महत्वपूर्ण कार्यकारी आदेशों की वैधता पर भी सवाल उठाए हैं. हालांकि, कई अमेरिकी कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि ऑटोपेन का उपयोग कई पुराने राष्ट्रपतियों द्वारा किया गया है और इसे फेडरल नियमों के तहत वैध माना गया है. इसके बावजूद ट्रंप इस मुद्दे को लगातार उछालते रहे हैं.
व्हाइट हाउस ने अब तक ट्रंप के आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. यह भी स्पष्ट नहीं है कि ट्रंप के इस घोषणा से बाइडेन के दौर में लागू नीतियों और आदेशों पर क्या असर पड़ेगा.