Trump-Modi Friendship: डोनाल्ड ट्रंप और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच गहरी दोस्ती अब खत्म हो गई है, ऐसा हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि ऐसा कहना है अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रहे जॉन बोल्टन का. बोल्टन ने कहा है कि यह बदलाव ऐसे समय में आया है जब अमेरिका और भारत नए व्यापार नियमों के कारण समस्याओं का सामना कर रहे हैं.
बोल्टन ने कहा, "ट्रंप और मोदी के बीच पहले बहुत अच्छे रिलेशन हुआ करते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं रहा. यह सभी विश्व नेताओं के लिए एक बड़ा सबक है. उदाहरण के लिए, ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री कीर स्टारमर को भी यह समझना चाहिए कि ट्रंप के साथ दोस्ती थोड़ी मददगार तो हो सकती है लेकिन यह आपको उनके गलत फैसलों से नहीं बचा पाएगा."
जैसा कि कुछ समय से देखा जा रहा है कि अमेरिका और भारत के बीच रिश्ते अच्छे नहीं चल रहे हैं. राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत से आने वाले सामानों पर 50% टैरिफ लगा दिया है. इस बीच पीएम मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी नेता शी जिनपिंग के साथ चीन में देखे गए. इससे यह अंदाजा मिल रहा है कि भारत अपनी ग्लोबल दोस्ती बदल रहा है.
बोल्टन ने यह भी कहा था कि ट्रंप को ऐसा लगाता है कि अगर उन्हें कोई नेता पसंद है तो अमेरिका के उस देश के साथ अच्छे संबंध होते हैं. लेकिन ऐसा हमेशा सच नहीं होता है. हालांकि, सिर्फ इसलिए कि ट्रंप पुतिन को पसंद करते हैं, इसका मतलब यह नहीं कि अमेरिका और रूस वास्तव में करीब हैं.
देखा जाए तो ट्रंप और मोदी की दोस्ती कभी काफी गहरी हुआ करती थी. उन्होंने ह्यूस्टन में हाउडी मोदी रैली जैसे बड़े सार्वजनिक कार्यक्रम साथ मिलकर आयोजित किए थे. लेकिन अब, वह घनिष्ठता खत्म होती दिख रही है. बोल्टन ने दुनिया के अन्य नेताओं को भी चेतावनी देते हुए कहा है कि ट्रंप के साथ अच्छी दोस्ती शुरू में मददगार लग सकती है, लेकिन यह उन्हें ट्रंप के अचानक या हानिकारक फैसलों से नहीं बचा पाएगी.