अमेरिका के पूर्व उपराष्ट्रपति और इराक युद्ध के मुख्य रणनीतिकार डिक चेनी का 84 साल की उम्र में निधन

अमेरिका के पूर्व उपराष्ट्रपति डिक चेनी का 84 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. उन्होंने उपराष्ट्रपति पद की भूमिका को नई परिभाषा दी और अमेरिकी राजनीति में चार दशक तक प्रभावशाली भूमिका निभाई.

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Kuldeep Sharma

नई दिल्ली: अमेरिका के पूर्व उपराष्ट्रपति और इराक युद्ध के प्रमुख रणनीतिकार डिक चेनी का सोमवार को 84 वर्ष की आयु में निधन हो गया. उनके परिवार ने बताया कि वे निमोनिया, हृदय और रक्तवाहिनी संबंधी जटिलताओं के कारण चल बसे.

चेनी ने चार दशकों तक अमेरिकी राजनीति को दिशा दी और अपनी नीतियों से उपराष्ट्रपति पद को अभूतपूर्व शक्ति दी. परिवार ने उन्हें 'महान और साहसी व्यक्ति' बताते हुए उनकी सेवा भावना और देशप्रेम को याद किया.

चार दशक तक अमेरिकी सत्ता के केंद्र में रहे डिक चेनी

चेनी का राजनीतिक करियर 40 वर्षों से अधिक फैला रहा. उन्होंने रिपब्लिकन पार्टी के स्तंभ के रूप में राष्ट्रपति जॉर्ज एच. डब्ल्यू. बुश और उनके बेटे जॉर्ज डब्ल्यू. बुश दोनों के अधीन काम किया. 1991 के खाड़ी युद्ध के दौरान बतौर रक्षा सचिव उन्होंने इराकी सेना को कुवैत से बाहर खदेड़ने वाली अमेरिकी गठबंधन सेना का नेतृत्व किया. वे अपने दृढ़ विचारों और रणनीतिक फैसलों के लिए जाने जाते थे.

9/11 के बाद की नीतियों के पीछे थे चेनी

चेनी ने उपराष्ट्रपति रहते हुए 2001 के 9/11 हमलों के बाद अमेरिकी सुरक्षा नीति को पूरी तरह नया रूप दिया. उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की वकालत की और विवादास्पद निगरानी एवं पूछताछ नीतियों का जोरदार बचाव किया. एक बार उन्होंने यह भी खुलासा किया था कि उन्होंने अपने हृदय के डिफिब्रिलेटर की वायरलेस सुविधा इसलिए बंद करवा दी थी ताकि आतंकवादी उसे हैक न कर सकें.

उपराष्ट्रपति पद को दी नई शक्ति और परिभाषा

चेनी का उपराष्ट्रपति कार्यकाल (2001-2009) अमेरिकी इतिहास में सबसे प्रभावशाली माना जाता है. उन्होंने एक औपचारिक पद को नीति-निर्माण की केंद्रीय भूमिका में बदल दिया. ऊर्जा नीति से लेकर इराक युद्ध तक, कई बड़े फैसलों के पीछे उनका ही हाथ था. एक बार उन्होंने मजाक में कहा था, 'क्या मैं वह बुरा जीनियस हूं जो छिपकर काम करता है? हां, यही तो बेहतरीन तरीका है.'

इराक युद्ध और घटता प्रभाव

चेनी ने इराक पर अमेरिकी हमले को न सिर्फ उचित ठहराया, बल्कि इसे 'राष्ट्रीय सुरक्षा का अनिवार्य कदम' बताया. हालांकि उनके कई दावे बाद में गलत साबित हुए. जैसे-जैसे युद्ध खिंचता गया और जनमत बदला, उनका प्रभाव व्हाइट हाउस में कम होता गया. बावजूद इसके, समर्थकों की नजर में वे सिद्धांतों पर अडिग और राष्ट्रहित में नीतिगत फैसले लेने वाले नेता रहे.

ट्रंप से टकराव और अंतिम वर्षों की शांति

चेनी ने अपने अंतिम वर्षों में डोनाल्ड ट्रंप का खुलकर विरोध किया. उनकी बेटी लिज चेनी ने 6 जनवरी, 2021 को कैपिटल पर हमले के बाद ट्रंप की मुखर आलोचना की, जिसके बाद पिता-पुत्री दोनों ट्रंप समर्थकों के निशाने पर आए. चेनी ने 2024 में कहा था कि वे ट्रंप के बजाय डेमोक्रेट कमला हैरिस को वोट देंगे. सेवानिवृत्ति के बाद वे वायोमिंग के जैक्सन होल में बस गए, जहां उन्होंने शांत जीवन व्यतीत किया.

एक दृढ़ नेता और परिवार के प्रति समर्पित शख्स

1941 में नेब्रास्का के लिंकन में जन्मे चेनी वायोमिंग में पले-बढ़े. उन्होंने येल विश्वविद्यालय छोड़ने के बाद यूनिवर्सिटी ऑफ वायोमिंग से पढ़ाई की. 1964 में उन्होंने अपनी स्कूल फ्रेंड लिन से विवाह किया. वे अपनी दो बेटियों लिज और मैरी के साथ पारिवारिक जीवन से गहराई से जुड़े रहे. पांच दिल के दौरे झेलने के बाद भी वे 2013 में हार्ट ट्रांसप्लांट के बाद कहते थे 'हर दिन मुस्कुराहट के साथ जागता हूं, जिंदगी के इस तोहफे के लिए आभारी हूं.'