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अब धरती पर आएगी तबाही! 2024 में CO2 के स्तर ने तोड़े सारे रिकॉर्ड

CO2 Levels Break Records In 2024: WMO ने चेताया कि ग्रीनहाउस गैसों की बढ़ती सांद्रता पृथ्वी को लंबे समय तक तापमान वृद्धि की राह पर ले जा रही है, जिससे पेरिस समझौते का 1.5°C लक्ष्य हासिल करना कठिन हो रहा है.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
CO2 levels break records in 2024, UN warns of climate crisis
Courtesy: X

CO2 Levels Break Records In 2024: संयुक्त राष्ट्र की मौसम एजेंसी, विश्व मौसम संगठन (WMO), ने चेतावनी दी है कि 2024 में वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) का स्तर रिकॉर्ड उच्चतम स्तर पर पहुंच गया, जो जलवायु संकट को और गहरा रहा है. WMO के वार्षिक ग्रीनहाउस गैस बुलेटिन के अनुसार, 1960 के दशक की तुलना में CO2 की वृद्धि दर अब तीन गुना हो गई है. मानवीय गतिविधियों और बड़े पैमाने पर जंगल की आग से यह "खतरनाक जलवायु चक्र" तेज हो रहा है.

रिकॉर्ड तोड़ वृद्धि

WMO ने बताया कि 2023 से 2024 तक CO2 सांद्रता में सबसे बड़ी वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई, जो 1957 में व्यवस्थित माप शुरू होने के बाद से अभूतपूर्व है. ये गैसें, जो वायुमंडल में गर्मी को रोकती हैं, भीषण गर्मी, भारी बारिश, लंबे सूखे और विनाशकारी जंगल की आग का कारण बन रही हैं. WMO की उप-महासचिव को बैरेट ने कहा, "CO2 और अन्य ग्रीनहाउस गैसों से फंसी गर्मी हमारे जलवायु को तेजी से बदल रही है, जिससे चरम मौसम की घटनाएं बढ़ रही हैं."

मीथेन और नाइट्रस ऑक्साइड का खतरा

बुलेटिन में मीथेन (CH₄) और नाइट्रस ऑक्साइड (N₂O) के स्तर में भी रिकॉर्ड वृद्धि की बात सामने आई. मीथेन, जो कृषि, जीवाश्म ईंधन और कचरे से निकलता है, CO2 से 80 गुना अधिक गर्मी पैदा करता है. नाइट्रस ऑक्साइड, उर्वरकों से उत्पन्न, ग्लोबल वॉर्मिंग और ओजोन परत के क्षरण को बढ़ा रहा है.

पेरिस समझौते पर संकट

WMO ने चेताया कि ग्रीनहाउस गैसों की बढ़ती सांद्रता पृथ्वी को लंबे समय तक तापमान वृद्धि की राह पर ले जा रही है, जिससे पेरिस समझौते का 1.5°C लक्ष्य हासिल करना कठिन हो रहा है. उत्सर्जन में कटौती अब केवल जलवायु के लिए ही नहीं, बल्कि आर्थिक स्थिरता और समुदायों की भलाई के लिए भी जरूरी है.