Sex Workers Belgium: बेल्जियम ने एक ऐसा कानून पारित किया है जो सेक्स वर्कर्स को कानूनी अधिकार देने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है. इस कानून के तहत, सेक्स वर्कर्स को अन्य कर्मचारियों की तरह ही मातृत्व अवकाश, बीमारियों के दौरान वेतन और स्वास्थ्य बीमा जैसे अधिकार दिए जाएंगे. यह कदम सेक्स वर्कर्स को बेहतर वित्तीय सुरक्षा और कार्यस्थल पर सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में एक बड़ी पहल मानी जा रही है.
हालांकि, बेल्जियम के इस कदम को व्यापक समर्थन मिला है, लेकिन स्व-नियोजित सेक्स वर्कर्स को इस कानून से बाहर रखा गया है. यही कारण है कि ब्रिटेन की एक सेक्स वर्कर नोवा ज्वेल्स ने इस कानून को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं. नोवा, जो एक डिजिटल सेक्स वर्कर हैं, का मानना है कि यह कानून केवल उन महिलाओं के लिए है जो वास्तविक जीवन में वेश्यावृत्ति करती हैं.
28 वर्षीय सेक्स वर्कर नोवा ज्वेल्स ने अपनी नौकरी छोड़ने के बाद डिजिटल माध्यम से काम शुरू किया था. वह कैमरावर्क और एडल्ट सब्सक्रिप्शन साइट्स के जरिए हर महीने लगभग £4,000 कमाती हैं. हालांकि उनकी कमाई स्थिर नहीं है और उन्हें अन्य स्व-नियोजित लोगों के समान लाभ नहीं मिलता, जैसे कि बीमारियों में वेतन या मातृत्व अवकाश.
नोवा का कहना है, "बेल्जियम का कानून एक सकारात्मक कदम हो सकता है, लेकिन यह स्व-नियोजित सेक्स वर्कर्स को नहीं कवर करता. इसके अलावा, यह महिलाओं के जीवन में अस्थिरता को कम करने में सक्षम नहीं है."
नोवा ने बेल्जियम के कानून में दिए गए मातृत्व लाभों को सराहा, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि कई महिलाएं अपनी जरूरतों और बच्चों के पालन-पोषण के लिए इस पेशे को जारी रखने को मजबूर हैं. उनका मानना है, "अगर आप अपने बच्चों का पालन-पोषण करने में सक्षम नहीं हैं, तो आपको उन्हें जन्म देने से पहले अपनी स्थिति पर विचार करना चाहिए."
नोवा के मुताबिक, ब्रिटेन में सरकार के सामने इससे ज्यादा अहम मुद्दे हैं. वह कहती हैं, "सेक्स वर्कर्स के अधिकारों के लिए यह कदम महत्वपूर्ण हो सकता है, लेकिन वर्तमान में यूके सरकार को अपनी प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए."
बेल्जियम के इस कानून का प्रभाव 30,000 सेक्स वर्कर्स पर पड़ने की संभावना है. लेकिन इस कानून के आलोचक यह तर्क देते हैं कि यह स्व-नियोजित सेक्स वर्कर्स के लिए पर्याप्त नहीं है.
बेल्जियम का कदम सेक्स वर्कर्स को मुख्यधारा में शामिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है. लेकिन स्व-नियोजित सेक्स वर्कर्स और उनकी अनदेखी ने यह बहस छेड़ दी है कि क्या ऐसे कानूनों को पूरी तरह समावेशी बनाने की आवश्यकता है. ब्रिटेन और अन्य देशों को इस मॉडल पर विचार करते समय इन बारीकियों पर ध्यान देना होगा.