ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की सरकार सोमवार को एक नई रणनीतिक रक्षा समीक्षा (Strategic Defence Review) पेश करने जा रही है, जिसमें रूस और चीन को भविष्य की सबसे बड़ी सुरक्षा चुनौतियां बताया गया है. यह रिपोर्ट अगले 10 साल के लिए ब्रिटेन की रक्षा योजनाओं और सैन्य उपकरणों पर आधारित है.
इस 130 पन्नों की रिपोर्ट को पूर्व NATO महासचिव जॉर्ज रॉबर्टसन, पूर्व अमेरिकी सलाहकार फियोना हिल और ब्रिटिश सेना के पूर्व कमांडर रिचर्ड बैरन्स ने मिलकर तैयार किया है. रिपोर्ट में रूस को तत्काल और गंभीर खतरा बताया गया है. जब से 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू हुआ है, रूस ने चीन, ईरान और उत्तर कोरिया जैसे देशों के साथ नजदीकियां बढ़ाई हैं, जो पश्चिमी देशों के लिए नई चिंताएं पैदा कर रही हैं.
चीन को रिपोर्ट में स्मार्ट और लगातार खतरा कहा गया है, जो कई बार रूस के साथ मिलकर पश्चिमी देशों के खिलाफ रणनीति बनाता है. इसके अलावा, ईरान और उत्तर कोरिया को भी क्षेत्रीय संकट पैदा करने वाले देश (regional disruptors) की लिस्ट में रखा गया है.
रिपोर्ट में यह भी सवाल उठाया गया है कि क्या मौजूदा 1 लाख सैनिकों की सेना भविष्य की जरूरतों को पूरा कर पाएगी. रिपोर्ट में सेना को ज्यादा आधुनिक, तकनीकी और तेजी से प्रतिक्रिया देने वाली ताकत में बदलने की सिफारिश की गई है. ब्रिटेन की सरकार ने शनिवार को बताया कि देश में कम से कम 6 नई फैक्ट्रियों का निर्माण होगा, जहां हथियार और विस्फोटक बनाए जाएंगे. रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इसमें 1 बिलियन पाउंड से अधिक का निवेश किया जाएगा.
नई टेक्नोलॉजी का नाम है ‘डिजिटल टारगेटिंग वेब’, जो यूक्रेन युद्ध से सीखी गई तकनीकों को शामिल करेगा. इसका मकसद है ब्रिटेन की सेना को इतनी ताकतवर बनाना कि वह युद्ध के मैदान में हर हाल में तेज, बेहतर और ज्यादा कनेक्टेड हो सके.
ब्रिटेन के रक्षा मंत्री जॉन हीली ने कहा, 'पुतिन की अवैध जंग से हमने जो सबक सीखे हैं, उन्होंने हमें दिखा दिया है कि अगला युद्ध वही जीतेगा जो सबसे तेज, सबसे बेहतर और सबसे इनोवेटिव होगा. हम अपनी सेनाओं को ऐसी ताकत देंगे जो पहले कभी नहीं देखी गई. एक साथ जुड़े जहाज, विमान, टैंक और सैनिक, जो तुरंत एक-दूसरे से जानकारी साझा कर सकें और फुर्ती से हमला कर सकें.'