Operation Devil Hunt: बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना के पद से हटने के बाद से लगातार पड़ोसी मुल्क में राजनीतिक उथल-पुथल मचा हुआ है. देश भर में हिंसा की लहर देखी जा रही है. इस लहर को रोकने के लिए व्यापक कार्रवाई की जा रही है. देश में पिछले चार दिनों से चल रहे हिंसा के दौरान शेख हसीना के परिवार और उनकी पार्टी अवामी लीग के नेताओं की संपत्तियों को निशाना बनाया गया.
जिसके बाद बांग्लादेश के सुरक्षा बलों ने 'ऑपरेशन डेविल हंट' नामक राष्ट्रव्यापी संयुक्त बल अभियान के तहत 1,300 से अधिक व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है. इन सभी लोगों पर अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग के सभी चिह्नों को नष्ट करने और तोड़फोड़ करने का आरोप है.
मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने ढाका के बाहरी इलाके गाजीपुर में अवामी लीग के एक नेता के आवास पर हमले के दौरान हुई हिंसक झड़पों के बाद यह अभियान शुरू किया. जिसमें छात्र कार्यकर्ता घायल हो गए. बाद में हिंसा देश के अन्य हिस्सों में फैल गई, जिसमें भीड़ ने अवामी लीग के प्रतीकों को निशाना बनाया. देश में चल रही हिंसा को कंट्रोल करने के लिए सेना के जवानों, पुलिस और विशेष इकाइयों से मिलकर बने संयुक्त बलों ने अब तक 1,308 लोगों को गिरफ्तार किया है. अंतरिम सरकार ने सत्ता में छह महीने पूरे होने पर अस्थिरता पैदा करने की कोशिश करने वाले लोगों को जड़ से उखाड़ फेंकने की कसम खाई है.
अगस्त 2024 में शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से हटा दिया गया जब हिंसक विरोध प्रदर्शन चरम पर थे. यह विरोध शुरू में छात्रों के नेतृत्व वाले आरक्षण विरोधी आंदोलन के रूप में शुरू हुआ था. उसके बाद यूनुस सरकार ने देश की कमान संभाली. जिसके कारण हसीना की अवामी लीग के सदस्यों और यूनुस सरकार के समर्थकों के बीच लगातार हिंसा होती रही. बुधवार को हजारों प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान के आवास में आग लगा दी. जिन्होंने इसी घर से देश के स्वायत्तता आंदोलन और स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया था. यह ऐतिहासिक इमारत वह जगह है जहां रहमान ने 1971 में पाकिस्तान से बांग्लादेश की आज़ादी की घोषणा की थी.
गृह मामलों के सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) जहांगीर आलम चौधरी ने कहा कि यह अभियान उन लोगों को लक्षित करेगा जो देश को अस्थिर करने के लिए बेताब हैं. यह तब तक जारी रहेगा जब तक सभी शैतानों को जड़ से उखाड़ नहीं दिया जाता. हसीना और सरकार में उनके अधिकांश वरिष्ठ सहयोगियों पर जुलाई में हुए जन विद्रोह पर क्रूर कार्रवाई के लिए मानवता के विरुद्ध अपराध सहित कई अपराधों का आरोप लगाया गया है. जिसने 5 अगस्त, 2024 को उनकी सरकार को गिरा दिया. इसके बाद से 77 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री भारत में रह रही हैं.