Bangladesh Hindu: बांग्लादेश में हिंदू समुदाय और इस्कॉन संगठन के खिलाफ अत्याचार थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस्कॉन के एक और पुजारी श्याम दास प्रभु को चटगांव पुलिस ने बिना किसी आधिकारिक वारंट के गिरफ्तार कर लिया. जब वे जेल में बंद इस्कॉन नेता चिन्मय कृष्ण दास से मिलने गए थे तो पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया.
बांग्लादेश में हिंदू धर्मस्थलों और धार्मिक व्यक्तियों के खिलाफ हिंसा और गिरफ्तारी की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. श्याम दास प्रभु की गिरफ्तारी से पहले इस्कॉन के पूर्व सदस्य चिन्मय कृष्ण दास को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. मंगलवार को उनकी जमानत याचिका भी खारिज कर दी गई.
इस घटनाक्रम को लेकर इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष और प्रवक्ता राधारमण दास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर गहरी चिंता व्यक्त की. उन्होंने लिखा, "आज चटगांव पुलिस ने एक और ब्रह्मचारी श्री श्याम दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया." इसके साथ ही उन्होंने बताया कि बांग्लादेश के भैरव स्थित एक अन्य इस्कॉन केंद्र को भी हाल ही में तोड़फोड़ का शिकार होना पड़ा है.
Does he look like a terrorist?#FreeISKCONMonks Bangladesh. The arrest of innocent #ISKCON brahmacharis are deeply shocking & disturbing. pic.twitter.com/VG6u7jlnXB
— Radharamn Das राधारमण दास (@RadharamnDas) November 30, 2024
यह सवाल अब और तीव्र हो गया है कि क्या भगवा वस्त्र धारण करना अपराध माना जाने लगा है? जिस तरह हिंदू धर्म से जुड़े लोगों और संस्थाओं को निशाना बनाया जा रहा है, वह गंभीर चिंता का विषय है. इस घटनाक्रम ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बांग्लादेश सरकार की छवि को नुकसान पहुंचाया है.
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ होने वाली घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. पूजा स्थलों पर हमले, पुजारियों की गिरफ्तारी और तोड़फोड़ की घटनाएं हिंदू समुदाय को हाशिए पर धकेल रही हैं. अंतरराष्ट्रीय संगठनों और मानवाधिकार संस्थाओं को इन घटनाओं पर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है.
यह स्पष्ट है कि इन घटनाओं से न केवल धार्मिक स्वतंत्रता प्रभावित हो रही है, बल्कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा को लेकर भी गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं.
भगवा वस्त्र या हिंदू धर्म से जुड़ा होना किसी अपराध का पर्याय नहीं होना चाहिए. बांग्लादेश में इस प्रकार के अत्याचारों को रोकने और अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है. दुनिया भर में शांतिप्रिय लोगों को इस मुद्दे पर आवाज उठानी चाहिए.