Alaska Meeting: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की यूक्रेन युद्ध पर करीब तीन घंटे चली अहम बैठक में दोनों नेताओं ने शांति पर बात की, लेकिन कोई समझौता नहीं हो पाया. बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुतिन ने अंग्रेजी में ट्रंप को मॉस्को आने का न्योता दिया. उन्होंने कहा कि 'नेक्स्ट टाइम इन मॉस्को' यह बयान काफी चौंकाने वाला था और दुनिया का ध्यान खींचने वाला भी था.
ट्रंप ने इस न्योते को संभावना बताया और कहा कि यह हो सकता है, हालांकि उन्होंने माना कि इस पर उन्हें राजनीति में विरोध झेलना पड़ सकता है. उन्होंने हंसते हुए कहा कि मुझे इस पर थोड़ी गर्मी झेलनी पड़ सकती है. हालांकि, दोनों नेताओं ने यह साफ नहीं किया कि मॉस्को में अगली बैठक कब होगी.
अलास्का की इस मुलाकात में ट्रंप और पुतिन ने यूक्रेन युद्ध को लेकर कई मुद्दों पर चर्चा की. ट्रंप ने कहा कि बातचीत में काफी प्रगति हुई और कई बिंदुओं पर सहमति बनी है, लेकिन कुछ बड़े मुद्दे अब भी बाकी हैं. उन्होंने यह भी कहा कि किसी अंतिम समाधान के लिए यूरोपीय नेताओं और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की राय अहम होगी.
पुतिन ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच यूक्रेन को लेकर एक समझ बनी है, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि असल में इसका क्या मतलब है. उन्होंने वार्ता को रचनात्मक बताया और चेतावनी दी कि यूरोप और यूक्रेन को इन बातों को कमजोर करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए. अलास्का बैठक में दोनों नेताओं ने पत्रकारों से कोई सवाल नहीं लिया और केवल संक्षिप्त बयान ही दिए. हालांकि, दोनों ने संकेत दिए कि यह वार्ता आगे भी जारी रह सकती है. इस मुलाकात को प्रतीकात्मक रूप से भी अहम माना गया क्योंकि अलास्का कभी रूस का हिस्सा हुआ करता था और अमेरिका ने इसे 1867 में खरीदा था.
यह भी ध्यान देने वाली बात है कि अमेरिका का कोई राष्ट्रपति लंबे समय से रूस नहीं गया है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के अनुसार, आखिरी बार बराक ओबामा 2013 में जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए सेंट पीटर्सबर्ग गए थे. अगर ट्रंप अगली बैठक के लिए मॉस्को जाते हैं, तो यह एक ऐतिहासिक कदम होगा.