Asim Munir: पाकिस्तान की सेना और सियासत में एक बार फिर से ऐसा कारनामा हुआ, जिसने पूरी दुनिया का ध्यान खींच लिया. पाकिस्तान के सेना प्रमुख और फील्ड मार्शल जनरल आसिम मुनीर ने खुद को देश का दूसरा सबसे बड़ा सैन्य सम्मान 'हिलाल-ए-जुर्रत' दे दिया.
यह घटना पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर हुई, जब हार के बाद भी अवॉर्ड बांटने का सिलसिला शुरू हुआ. इस खबर ने सोशल मीडिया पर हंसी का माहौल बना दिया, जहां लोग जमकर मीम्स और चुटकुले शेयर कर रहे हैं.
पाकिस्तान में अवॉर्ड बांटने का यह खेल कोई नया नहीं है. राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कई नेताओं और अधिकारियों को मेडल दिए. वायु सेना प्रमुख जहीर अहमद बाबर सिद्दू को भी 'हिलाल-ए-जुर्रत' अवॉर्ड दिया गया.
इतना ही नहीं, राष्ट्रपति जरदारी ने खुद प्रधानमंत्री शहबाज को उनके "नेतृत्व" के लिए 'निशान-ए-इम्तियाज' दिया. इसके अलावा उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार को भारत के खिलाफ कूटनीतिक मोर्चे पर उनकी सक्रियता के लिए सम्मान मिला. लेकिन इन सबके बीच जनरल आसिम मुनीर का खुद को अवॉर्ड देना सबसे ज्यादा चर्चा में रहा.
यह पूरा ड्रामा उस मई 2025 के संघर्ष के बाद सामने आया, जब भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और PoK में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था. पहलगाम हमले में 26 आम नागरिकों की मौत के बाद भारत ने 7 मई को ताबड़तोड़ कार्रवाई की.
इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने न सिर्फ आतंकी ठिकानों को तबाह किया बल्कि पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों को भी निशाना बनाया. पाकिस्तान ने तीन दिन तक जवाबी कार्रवाई की कोशिश की लेकिन उसे भारी नुकसान उठाना पड़ा. इस हार के बाद भी पाकिस्तान ने अपने नेताओं और सेना प्रमुख को मेडल बांटकर जश्न मनाने का फैसला किया.
जनरल मुनीर के इस "सेल्फ-अवॉर्ड" कारनामे ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया. एक यूजर ने लिखा, "आसिम मुनीर ने खुद को मेडल देकर साबित कर दिया कि हार-जीत से कोई फर्क नहीं पड़ता अवॉर्ड तो लेना ही है!" एक अन्य यूजर ने चुटकी लेते हुए कहा, "यह तो वही बात हुई कि स्कूल में फेल होने के बाद भी खुद को 'पार्टिसिपेशन सर्टिफिकेट' दे लिया."