Afghanistan Warns Pakistan: अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी ने भारत में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पाकिस्तान को सख्त चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान शांति नहीं चाहता, तो काबुल के पास अन्य विकल्प भी मौजूद हैं. मुत्ताकी ने कहा, 'अफगानिस्तान अब आजाद है और शांति की दिशा में काम कर रहा है.
लेकिन अगर पाकिस्तान अच्छे संबंध नहीं चाहता, तो हमें अपने हितों की रक्षा के लिए दूसरे रास्ते अपनाने होंगे.' यह बयान ऐसे समय में आया है जब दोनों देशों के बीच सीमा पर गोलीबारी और झड़पों की घटनाएं बढ़ रही हैं.
मुत्तकी ने दावा किया कि अफगान बलों ने पाकिस्तान की कार्रवाई का जवाब अपनी सीमाओं और राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए दिया. उन्होंने कहा, 'हमारे सैन्य उद्देश्यों को हमने हासिल कर लिया है. हमने केवल आत्मरक्षा में प्रतिक्रिया दी. हमारे मित्र देश- कतर और सऊदी अरब ने इस संघर्ष को समाप्त करने की अपील की है, और हमने अस्थायी रूप से कार्रवाई रोक दी है.' मुत्तकी ने बताया कि वर्तमान में हालात नियंत्रण में हैं और अफगानिस्तान सिर्फ शांति और स्थिरता चाहता है.
अफगान विदेश मंत्री ने स्पष्ट किया कि अफगानिस्तान का झगड़ा पाकिस्तान के आम नागरिकों से नहीं है. उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान की जनता ज्यादातर शांति चाहती है और अफगानिस्तान के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना चाहती है. लेकिन पाकिस्तान में कुछ तत्व हैं जो तनाव और अस्थिरता फैलाने में लगे हुए हैं. हमारे मतभेद उन्हीं लोगों से हैं, पूरे देश से नहीं.' मुत्तकी का यह बयान दोनों देशों के बीच हालिया झड़पों के बाद आया है, जिसमें कई सैनिक मारे गए हैं.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अफगानिस्तान पर 'उकसावे की कार्रवाई' का आरोप लगाते हुए कहा कि इस तरह की घटनाओं का कड़ा जवाब दिया जाएगा. इस्लामाबाद ने अफगान दावे को खारिज करते हुए कहा कि सीमा संघर्ष में 23 पाकिस्तानी सैनिक और करीब 200 अफगान बल मारे गए हैं. पाकिस्तान ने कहा कि उसने सिर्फ अपनी सीमा की रक्षा में जवाबी कार्रवाई की. दोनों देशों के बीच यह विवाद ऐसे समय में बढ़ा है जब क्षेत्रीय सुरक्षा और आतंकवाद को लेकर पहले से ही तनाव बना हुआ है.
विश्लेषकों का मानना है कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव दक्षिण एशिया की स्थिरता को गंभीर खतरा पहुंचा सकता है. हाल के वर्षों में अफगानिस्तान ने भारत के साथ कूटनीतिक संबंधों को मजबूत किया है, जबकि पाकिस्तान के साथ उसके रिश्ते लगातार खराब हो रहे हैं. मुत्ताकी का भारत से बयान देना इस बात का संकेत है कि काबुल अब अपने रुख को वैश्विक स्तर पर स्पष्ट करना चाहता है. फिलहाल दोनों देशों के बीच संवाद की संभावनाएं धुंधली दिखाई दे रही हैं.