थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद एक बार फिर हिंसक टकराव में बदल गया है. दोनों देशों की सेनाओं के बीच भीषण गोलीबारी और रॉकेट हमलों में अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें एक थाई सैनिक और 13 नागरिक शामिल हैं. 40 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं. स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि थाई वायुसेना ने दो बार F-16 लड़ाकू विमानों से हवाई हमले भी किए.
थाई रक्षा मंत्रालय के अनुसार, गुरुवार को छह अलग-अलग जगहों पर संघर्ष की स्थिति उत्पन्न हुई. इससे पहले बुधवार को सीमा क्षेत्र में बारूदी सुरंग फटने से थाईलैंड के पांच सैनिक घायल हो गए थे. इस घटना के बाद थाई सरकार ने कंबोडिया के राजदूत को देश से निष्कासित कर दिया और अपने राजनयिक को भी वापस बुला लिया.
तनाव शुक्रवार को और बढ़ गया जब ओड्डार मींचे प्रांत के पास स्थित विवादित ता मुएन थॉम मंदिर के आसपास दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने आ गईं. चश्मदीदों ने बताया कि सुबह से ही भारी तोपों और रॉकेटों की आवाजें सुनाई दे रही थीं. थाई अधिकारियों के अनुसार, थाई और कम्बोडियाई सेनाओं के बीच लड़ाई में तेजी के कारण कम से कम 14 लोग मारे गए हैं और 100,000 से अधिक नागरिक विस्थापित हुए हैं।
कंबोडिया की ओर से भी नागरिक हताहतों की पुष्टि की गई है, जो इस संघर्ष की गंभीरता को दर्शाता है. थाई स्वास्थ्य मंत्री ने इस कार्रवाई को जिनेवा संधि का उल्लंघन बताते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित किया है.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दोनों देशों से संयम बरतने और बातचीत के जरिए समाधान निकालने की अपील की है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह टकराव आसियान (ASEAN) देशों के बीच एक चिंताजनक स्थिति है. इससे पहले 2011 में इसी तरह की झड़प में 20 लोगों की जान गई थी. हालात अब युद्ध जैसे हो चले हैं, और क्षेत्रीय शांति के लिए यह संघर्ष एक बड़ा खतरा बनता जा रहा है.