टेस्ला के भारत में निवेश करने की खबरों से ड्रैगन बुरी तरह जल बुझ गया है. चीन के एक पब्लिकेशन ग्लोबल टाइम्स को दिए इंटरव्यू में चीन के एक विश्लेषक ने टेस्ला के भारत में मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट लगाने पर विवादित बयान दिया है, जिसको लेकर बवाल हो गया है. भारत के लोग इस चीनी विश्लेषक को इंटरनेट पर लताड़ लगा रहे हैं. ताइहे इंस्टीट्यूट के एक सीनियर फेलो चार्ल्स लियू ने कहा कि निवेश के लिहाज से टेस्ला के लिए भारत सही जगह नहीं है.
क्या बोले चार्ल्स लियू
उन्होंने कहा, 'टेस्ला को भारत में फैक्ट्री लगाने को लेकर चिंतित होना चाहिए. क्योंकि न वहां सप्लाई चेन है न इंफ्रास्ट्रक्चर, न वहां पढ़े लिखे इंजीनियर हैं और न वर्कर. बिजनेस को लेकर महौल भी ठीक नहीं है.' उन्होंने कहा कि भारत में उनको वो सुविधाएं नहीं मिल पाएंगी जो चीन में उपलब्ध हैं.
#Tesla should worry about its decision to build a factory in #India, why? Charles Liu, senior fellow at the Taihe Institute, at #GlobalArena:
— Global Times (@globaltimesnews) April 11, 2024
-lack of supply chain and infrastructure
-lack of skilled engineers and workers
-negative business environment pic.twitter.com/bjkO5EAArd
भारत में प्लांट लगाने जा रही टेस्ला
बता दें कि मीडिया में इस तरह की खबरें हैं कि टेस्ला भारत के गुजरात में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने जा रही है. इसको लेकर टेस्ला के सीईओ एलन मस्क जल्द ही पीएम मोदी से मुलाकात करने वाले हैं.
चीनी विश्लेषक के बयान पर बवाल
चीनी विश्लेषक के इस बयान का भारत में कड़ा विरोध हो रहा है. कनीमोझी नाम के एक यूजर ने इस पर ट्वीट कर लिखा, 'जब कोई देश दूसरे देश को नकारात्मक दृष्टि से देखता शुरू कर देता है तो यह उसके पतन का प्रतीक है. यह प्रतिस्पर्धी भावना, ब्रांड मूल्य की हानि और इसकी सफलता के क्षरण को प्रकट करता है, जो अब पूरी तरह से अपने प्रतिद्वंद्वियों की चूक, गलतियों और विफलताओं पर निर्भर करता है. इस तरह की कार्रवाइयां इस डर से उत्पन्न हो सकती हैं कि इंडी गठबंधन में उनका पसंदीदा सहयोगी, जिसके साथ उन्होंने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, सत्ता में नहीं आ सकता है.'
#Tesla should worry about its decision to build a factory in #India, why? Charles Liu, senior fellow at the Taihe Institute, at #GlobalArena:
— Global Times (@globaltimesnews) April 11, 2024
-lack of supply chain and infrastructure
-lack of skilled engineers and workers
-negative business environment pic.twitter.com/bjkO5EAArd
एक अन्य यूजर ने लिखा, 'यह विडंबना है कि आपके देश चीन के शीर्ष तीन कार निर्माता भारत में अरबों डॉलर का निवेश करना चाहते थे लेकिन किसी कारण से उनको मना कर दिया गया. BYD मोटर्स, ग्रेट वॉल मोटर्स, SAIC मोटर्स. SAIC को मंजूरी मिल गई और BYD को भी, लेकिन इस लेख को पढ़कर लगता है कि आपको मिर्ची लग रही है.
एक तीसरे यूजर ने लिखा, 'वाह! किसी को ईर्ष्या हो रही है! 146145 किलोमीटर नई सड़कों और राजमार्गों, बंदरगाहों और बंदरगाहों के साथ सप्लाई चेन की कोई समस्या नहीं है. सालाना 1 मिलियन से अधिक इंजीनियरिंग स्नातकों के साथ, कुशल जनशक्ति की कोई कमी नहीं है. दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था. अनुकूल कारोबारी माहौल के बिना कोई विकास नहीं हो सकता.'