Andhra Pradesh News: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और वाईएसआरसीपी प्रमुख वाईएस जगन मोहन रेड्डी के साथ विवादों के बाद नरसापुरम से पार्टी के बागी सांसद कनुमुरु रघु रामकृष्ण राजू ने आखिरकार पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. शनिवार को जगन मोहन रेड्डी को लिखे पत्र में पहली बार सांसद ने उन्हें गजनी के महमूद कहा है. लिखा है कि मुझे मेरी संसदीय सदस्यता से अयोग्य घोषित करने के लिए मोहम्मद गजनी की तरह आपने कई बार प्रयास किए, लेकिन आज तक आपकी इच्छा पूरी नहीं हो पाई. हालांकि जब भी आपने प्रयास किया, मैंने भी आपकी शत्रुता का सामना किया और पिछले 3.5 वर्षों से नरसापुरम में अपने निर्वाचन क्षेत्र के लिए काम किया.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, कनुमुरु रघु रामकृष्ण राजू वाईएसआरसीपी के उन सांसदों की लिस्ट में शामिल हो गए हैं, जिन्होंने हाल ही में पार्टी छोड़ी है. जनवरी से लोकसभा सांसद लवु श्री कृष्ण देवरायलु (नरसरावपेट), वल्लभनेनी बालाशोवरी (मछलीपट्टनम) और संजीव कुमार (कुरनूल) ने कथित तौर पर निर्वाचन क्षेत्र बदलने के लिए कहे जाने पर पार्टी छोड़ दी थी और संसद से इस्तीफा दे दिया. राज्यसभा सांसद वेमीरेड्डी प्रभाकर रेड्डी ने भी व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए पार्टी छोड़ दी है. हालांकि ऐसी अटकलें हैं कि वह टीडीपी में जा सकते हैं और नेल्लोर लोकसभा सीट से अपना नॉमिनेशन कर सकते हैं.
आंध्र विश्वविद्यालय से फार्मेसी में मास्टर डिग्री रखने वाले राजू ने 2014 में लोकसभा चुनाव से पहले टिकट नहीं मिलने के बाद वाईएसआरसीपी छोड़ दी और भाजपा में शामिल हो गए, लेकिन साल 2019 के चुनावों से ठीक पहले उन्होंने वापसी की और अपने प्रतिद्वंद्वी तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के कलवापुडी शिवा को 30,000 वोटों से हराया.
उधर सांसद बनने के कुछ ही महीनों के भीतर राजू का मुख्यमंत्री रेड्डी में मतभेद शुरू हो गए, जिन पर उन्होंने निरंकुश होने और पार्टी विधायकों व सांसदों को काम नहीं करने देने का आरोप लगाया. सोशल मीडिया पर जगन मोहन के फॉलोअर्स की तीखी प्रतिक्रियाों का सामना करने के बाद जगन के साथ उनके संबंधों में खटास आ गई. उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेता और सीएम जगन मोहन के सलाहकार सज्जला रामकृष्ण रेड्डी पर लोगों को उनके खिलाफ भड़काने का भी आरोप लगाया.
तनाव के बाद नरसापुरम के सांसद ने सभी तेलुगु-माध्यम सरकारी स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम में बदलने व वाईएसआरसीपी सरकार की कल्याण योजनाओं में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने के लिए फिर से सीएम जगन पर हमला बोल दिया. राजू ने शराब की दुकानों पर केवल नकदी लेने के लिए जगन सरकार पर भी निशाना साधा था. राजू के विद्रोह और सीएम जगन मोहन पर लगातार हमलों के बाद वाईएसआरसीपी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा, जिसमें उनकी अयोग्यता की मांग की गई. इसके बाद राजू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने सीएम पर ईसाई धर्म को बढ़ावा देने और संविधान का उल्लंघन करने का आरोप लगाया.
उन्होंने तिरूपति में नियमों को बदलने का भी आरोप लगाया, जहां तिरुमला तिरूपति देवस्थानम (टीटीडी) बोर्ड ने कथित तौर पर गैर-हिंदुओं के लिए घोषणापत्र से छूट दी थी. उन्होंने कहा था कि एक व्यक्ति की खातिर, वे उन नियमों को बदल रहे हैं जो सदियों से चले आ रहे हैं. राजू ने सीएम पर राजनीतिक नियुक्तियों और शिक्षा व नौकरियों में कोटे के बदले धर्मांतरण को बढ़ावा देने का भी आरोप लगाया.