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मोदी लहर में भी जीता था चुनाव अब क्यों थाम रहे BJP का दामन, क्या राज्यसभा की गुगली में फंसे हैं अशोक चव्हाण

Ashok chavan: महाराष्ट्र कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. महाराष्ट्र के पूर्व सीएम अशोक चव्हाण ने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया है. पूरी संभावना है कि वो अब बीजेपी का दामन थाम सकते हैं. 

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Ashok chavan:  इंडिया गठबंधन में टूट पड़ गई है. एक के बाद एक पार्टी गठबंधन से अलग होते जा रही है. कांग्रेस जहां बीजेपी के खिलाफ विपक्षी दलों को एकजुट करने में जुटी है, वहीं अब पार्टी के अंदर ही सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. महाराष्ट्र में सियासी भूचाल आया है. प्रदेश के एक बड़े नेता ने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया है. पहले मिलिंद देवड़ा, इसके बाद बाबा सिद्दकी और अब महाराष्ट्र के पूर्व सीएम आशोक चव्हाण ने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया है. पूरी संभावना है कि अशोक चव्हाण बीजेपी का दामन थाम सकते हैं. 

बीजेपी क्यों ले रही दिलचस्पी?

आशोक चव्हाण में बीजेपी की दिलचस्पी है. इसे समझने के लिए आपको उनके बैंकग्राउंड को समझना पड़ेगा. दरअसल वे एक गैर विवादित मराठा नेता हैं, जो विलासराव देशमुख के साथ माराठवाढ़ा के इलाके में काफी पॉपुलर हैं. चव्हाण मोदी लहर के बाद भी 2014 के लोकसभा चुनाव में नांदेड़ सीट जीत गए थे. उस समय उनकी काफी चर्चा हुई थी. इस सीट पर पीएम मोदी ने अपनी ताकत झोंकी थी. उन्होंने काफी प्रचार किया था. इसके बाद भी नांदेड़ सीट अशोक चव्हाण जीत गए थे. 

2019 के लोकसभा में नांदेड की सीट से अशोक चव्हाण हार गए थे.  इस सीट से बीजेपी के प्रताप पाटिल चिखलिकर ने जीत हासिल की थी. इस हार के बाद 2029 के विधानसभा चुनाव में वे भोकर सीट से लड़े. यहां से उन्हें जीत मिली. भोकस सीट से ही जीतकर वे पहले सीएम बने थे. 

नांदेड लोकसभा सीट पर बीजेपी की नजर

बीजेपी की नजर इस बार नांदेड लोकसभा सीट पर है. 2024 के लिहाज से देखें तो ये सीट बीजेपी के लिए आसान नहीं रहने वाली है. इसलिए बीजेपी अशोक चव्हाण के संपर्क में है. सूत्रों का कहना कि 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद से देवेंद्र फडणवीस और अशोक चव्हाण के बीच कई बार मुलाकात हो चुकी है. इसके पहले जब एकनाथ शिंदे सरकार जब विश्वास मत साबित कर रही थी तब भी अशोक चव्हाण अपने विधायकों के साथ विधानसभा नहीं आए थे. हालांकि उन्होंने इसपर सफाई देते हुए कहा था कि वे ट्रैफिक में फंस गए थे इस वजह से समय पर नहीं पहुंच पाए.

मुंबई हमले के बाद बने सीएम 

अशोक चव्हाण 2008 में मुंबई आतंकी हमले के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनाए गए थे. उस समय कई कांग्रेसी यह दावा कर रहे थे कि वे एनसीपी प्रमुख शरद पवार के रहते हुए अपनी पकड़ नहीं बना पाएंगे. उस वक्त अशोक चव्हाण को बनाने का फैसला सोनिया गांधी का था और वो अपने फैसले पर अडिग थीं.