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'मुबारक घड़ी...' टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने नज्म सुनाकर PM मोदी पर बोला ऐसा हमला, आधें घटे के लिए संसद हो गई ठप

महुआ मोइत्रा की यह बयानबाजी एक बार फिर से देश में संविधान की रक्षा और लोकतंत्र की स्थिति पर चर्चा को जन्म देती है. उनके तर्क और आरोपों ने विपक्षी नेताओं को भी आवाज उठाने का मौका दिया है, जबकि सत्तापक्ष ने इसे राजनीति का हिस्सा करार दिया है.

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Edited By: Mayank Tiwari
TMC MP Mahua Moitra
Courtesy: Social Media

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद महुआ मोइत्रा ने हाल ही में संसद में संविधान पर चर्चा के दौरान केंद्र सरकार और सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर तीखा हमला बोला. शुक्रवार को शीतकालीन सत्र के दौरान टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने अपनी बात की शुरुआत मशहूर कवि हिलाल फरीद की नज्म से की,जिसमें संविधान के खिलाफ बढ़ते हमलों पर चिंता जताई गई थी.

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने अपनी बात की शुरुआत हिलाल फरीद की एक नज्म से की, जिसमें नज्म का अंश उन्होंने कुछ इस तरह पढ़ा, "मुबारक घड़ी है, कल सज धज कर, मेक अप रच कर, खूब जंच कर देखो उसका मंच पर आना. किताब संविधान की आंखों से लगाना और फरमाना मैं शीश को झूकाकर, इस किताब को मन में बसाकर, ईश्वर की शपथ लेता हूं. रात ढलने दीजिए, दिन बदलने दीजिए, कल तलक ये बेवफा सितमगरों का बादशाह सब भूल जाएगा. नफरतें उगाएगा. दूरियां बढ़ाएगा. रोज संविधान की धज्जियां उड़ाएगा. मगर जो आज महफिल सजी है, यही मानती है कि हीरो वही है. मुबारक घड़ी है.

बीजेपी पर महुआ मोइत्रा ने बोला हमला

महुआ ने कहा कि यह नज्म आज की स्थिति को दर्शाती है, जहां संविधान की ताकत को नजरअंदाज किया जा रहा है. शीतकालीन सत्र के दौरान महुआ मोइत्रा ने केंद्र सरकार और बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि बीते 10 साल में बड़ी संख्या में लोग यह मानने लगे हैं कि संविधान खतरे में है. उन्होंने यह भी कहा कि यह सरकार संविधान से छेड़छाड़ करना चाहती है.

"इंदिरा गांधी के समय की इमरजेंसी पर सवाल उठाने वाली यह सरकार अब उसी तरीके से लोकतंत्र को खत्म करने की कोशिश कर रही है, लेकिन अब यह काम परोक्ष रूप से किया जा रहा है.

सरकार अल्पसंख्यकों को कर रही टारगेट 

इस दौरान महुआ ने कहा पुलिस द्वारा वोटरों को धमकाने की घटनाओं का भी जिक्र किया, खासतौर से रामपुर और संभल में, जहां लोगों पर घरों में रहने का दबाव बनाया गया. महुआ ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार अल्पसंख्यकों को टारगेट कर रही है. ऐसे में यह संविधान की मूल भावना के खिलाफ है.

खुद पर हुए हमलों का मुद्दा उठाया

महुआ मोइत्रा ने इस दौरान अपने ऊपर हुए हमलों का भी जिक्र किया और कहा कि उन्हें कई बार हमलों का सामना करना पड़ा, जिसके बाद उन्हें सुप्रीम कोर्ट तक जाना पड़ा. "यह संविधान की ताकत ही है कि हम सब कुछ कहने और न्याय पाने का अधिकार रखते हैं.

बीजेपी के नेताओं ने दी तीखी प्रतिक्रिया

महुआ मोइत्रा की इन टिप्पणियों पर सत्तापक्ष के नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी. बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे और केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने महुआ के आरोपों का जवाब दिया और कहा कि उनकी बातें केवल राजनीति से प्रेरित हैं. आरोप-प्रत्यारोप का यह दौर इतना बढ़ गया कि लोकसभा की कार्यवाही को आधे घंटे के लिए स्थगित करना पड़ा.