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RG कर अस्पताल की घटना पर SC ने फिर लगाई बंगाल सरकार को फटकार, कहा- प्रगति इतनी धीमी क्यों है?

SC On RG Kar Rape And Murder Case: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आरजी कर अस्पताल में हुए बलात्कार और हत्या मामले में स्वतः संज्ञान लिया. शीर्ष अदालत ने पश्चिम बंगाल सरकार को फटकार लगाते हुए सीसीटीवी कैमरे लगाने, मेडिकल स्टाफ को सुरक्षा प्रदान करने और डॉक्टरों के लिए ड्यूटी रूम बनाने में धीमी प्रगति पर चिंता जताई है.

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SC On RG Kar Rape And Murder Case
Courtesy: Social Media

SC On RG Kar Rape And Murder Case: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आरजी कर अस्पताल में बलात्कार और हत्या मामले में स्वतः संज्ञान लिया.  शीर्ष अदालत ने सीसीटीवी लगाने, मेडिकल स्टाफ को अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करने और डॉक्टरों और बायोमेट्रिक्स के लिए अधिक ड्यूटी रूम स्थापित करने में धीमी प्रगति पर पश्चिम बंगाल सरकार को फटकार लगाई है. 

इस मामले की सुनवाई भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने की.  इस पीठ में जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा भी शामिल हैं.  पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत के पिछले निर्देशों के बाद 50 प्रतिशत से अधिक काम अभी भी पूरा नहीं हुआ है.

कितना काम पूरा हुआ?

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि सीसीटीवी कैमरे लगाने, शौचालयों का निर्माण, पुरुष और महिला ड्यूटी रूम बनाने, बायोमेट्रिक्स आदि के लिए पश्चिम बंगाल ने क्या कदम उठाए हैं? पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट राकेश द्विवेदी ने कहा कि बाढ़ आदि के कारण लॉजिस्टिकल देरी हुई है.  6,178 कैमरे स्थापित किए जाने थे.  22 प्रतिशत पूरा हो चुका है. 

इस बीच, पश्चिम बंगाल सरकार ने आरोप लगाया कि डॉक्टर अपनी ड्यूटी नहीं कर रहे हैं.  द्विवेदी ने कहा कि डॉक्टर केवल आपातकालीन ड्यूटी कर रहे हैं.  हालांकि, रेजिडेंट डॉक्टरों की वकील इंदिरा जयसिंह ने राज्य सरकार की इस दलील का विरोध किया.  पीठ ने सभी डॉक्टरों को बिना किसी अपवाद के ओपीडी सहित अपने सभी कर्तव्यों का पालन करने का निर्देश दिया.

डॉक्टरों को दिया यह निर्देश 

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को आरजी कर अस्पताल के उन डॉक्टरों या शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया जिनके खिलाफ बलात्कार, हत्या और वित्तीय अनियमितताओं के अपराध के संबंध में जांच चल रही है. शीर्ष अदालत इस मामले की अगली सुनवाई 14 अक्टूबर को करेगी.

पिछले महीने हुई थी जघन्य घटना 

पिछले महीने 9 अगस्त को एक 31 वर्षीय पोस्ट-ग्रेजुएट ट्रेनी (पीजीटी) डॉक्टर के साथ कथित तौर पर एक नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय ने बलात्कार किया और उसकी हत्या कर दी. आरोपी को 10 अगस्त को गिरफ्तार किया गया. इस मामले के बाद डॉक्टरों ने देश भर में विरोध प्रदर्शन किया.