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भारत की प्याज से आए बांग्लादेशियों की आंख में आंसू! आखिर क्यों चलाया जा रहा 'Boycott India' कैंपेन

रमजान और ईद के मद्देनजर निर्यात पर प्रतिबंध के बावजूद सरकार ने अपने दो मित्र बांग्लादेश और यूएई को प्याज के निर्यात की मंजूरी दी है.

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India Daily Live
Indian onions face boycott in Bangladesh

केंद्र सरकार ने एक दो दिन पहले ही रमजान के मद्देनजर बांग्लादेश और संयुक्त अरब अमीरात को 64,400 टन प्याज का निर्यात करने की मंजूरी दी थी लेकिन बांग्लादेश में भारत से आयातित प्याज बॉयकॉट किया जा रहा है. दरअसल, जनवरी में संसदीय चुनाव जीतने के बाद जब से शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग सत्ता में आई है, तब से मालदीव की तरह वहां भी भारत विरोधी स्वर उठने लगे हैं. बता दें भारत हमेशा से शेख हसीना सरकार का समर्थक रहा है.

मोहम्मद मोइज्जू ने 'इंडिया आउट' के नारे के साथ मालदीव के राष्ट्रपति पद का चुनाव जीता था और तभी से दोनों देशों के द्वीपक्षीय संबंध खराब होते जा रहे हैं.

यही नहीं कुछ सोशल मीडिया हैंडल्स के जरिए भी 'बॉयकॉट इंडिया' की भावना को बढ़ावा देने की कोशिश हो रही है. सोमवार को मोदी सरकार ने आगामी रमजान और ईद के मद्देनजर बांग्लादेश को 50,000 टन प्याज का निर्यात करने की मंजूरी दी थी.

प्रतिबंध के बावजूद भारत ने दी निर्यात को मंजूरी
बता दें कि ईद और रमजान के मौके पर मुस्लिम भाईयों के खाने में प्याज का मुख्य तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. भारत में दिसंबर 2023 से प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध है, इसके बावजूद सरकार ने अपने दो मित्र बांग्लादेश और यूएई को प्याज का निर्यात करने की अनुमति दी है. प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध के कारण बांग्लादेश और अन्य देशों में प्याज की कीमतों में भारी उछाल आया है.

भारतीय समान की बिक्री घटी

बांग्लादेश में उठते भारत विरोधी स्वर के बीच इस मुस्लिम बहुल देश में भारत के उत्पादों की बिक्री में कमी आई है. दुकानदार अपनी दुकानों पर भारत निर्मित सामान रखने से बच रहे हैं.

आखिर कौन चला रहा बॉयकॉट इंडिया अभियान

इस बॉयकॉट अभियान का नेतृत्व ज्यादातर बांग्लादेशी प्रवासियों और निर्वासित लोगों द्वारा किया जा रहा है. पेरिस में रहने वाले पिनाकी भट्टाचार्य इस अभियान के प्रमुख संचालकों में से एक हैं.

पिनाकी एक प्रशिक्षित डॉक्टर हैं जो खुद को "बांग्लादेश से निर्वासित ब्लॉगर, ऑनलाइन कार्यकर्ता और मानवाधिकार रक्षक" बताते हैं. उन्होंने जनवरी के मध्य में 'इंडिया आउट' अभियान की घोषणा की थी कभी फार्मास्युटिकल कंपनी चलाने वाले पिनाकी को कथित तौर पर 2019 में बांग्लादेश से बाहर कर दिया गया था.

12 बांग्लादेशी पार्टियां आईं साथ
शेख हसीना के शपथ लेने के एक सप्ताह बाद ही बांग्लादेश में सोशल मीडिया पर भारतीय सामान का बहिष्कार करो, बॉयकॉट इंडिया, इंडिया आउट जैसे हैशटैग चलने लगे थे. ढाका के एक ऑनलाइन समाचार पोर्टल ने कहा कि 12  बांग्लादेशी पार्टियों ने  भारत के उत्पादों का बहिष्कार करने के लिए हाथ मिलाया है.

मुख्य विपक्षी दल इस अभियान में शामिल नहीं

हालांकि बांग्लादेश के मुख्य दल जैसे बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी और  मुख्य इस्लामी पार्टी, बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी इस बॉयकॉट अभियान में शामिल नहीं हैं.

भारत पर क्या होगा असर

इस बॉयकॉट का आर्थिक मोर्चे पर को ज्यादा असर नहीं होगा क्योंकि 2022-23 में भारत का बांग्लादेश को कुल निर्यात 2.6% रहा था. हालांकि, कूटनीतिक स्तर पर इस बॉयकॉट से भारत को हानि हो सकती है इसलिए दिल्ली को थोड़ा सावधान रहना होगा.

शेख हसीना और बांग्लादेश से भारत का गहरा नाता

इतिहास में जाएं तो भारत ने ना केवल बांग्लादेश को पाकिस्तान से आजाद कराया था बल्कि राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान की हत्या किये जाने के बाद उनकी बेटी शेख हसीना और उनकी बहन को शरण भी दी थी.

उधर चीन बांग्लादेशी सरकार को लुभाने की पुरजोर कोशिश कर रहा है क्योंकि रणनीतिक रूप से बांग्लादेश की भौगोलिक स्थिति उसके लिए काफी महत्वपूर्ण है.

जमीनी स्तर पर कैसा है बॉयकॉट इंडिया का असर

हालांकि वहां के लोगों का कहना है कि जमीनी स्तर पर बॉयकॉट इंडिया जैसे कोई शोर नहीं है. यह विरोध मुख्य रूप से केवल ऑनलाइन किया जा रहा है.

क्या है इस विरोध की वजह

मनोहर पर्रिकर इंस्टीट्यूट फॉर डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस (MP-IDSA) की स्मृति पटनायक ने बताया, "इस तरह का भारत विरोध हमेशा से प्रचलित है, लेकिन वर्तमान भारत बहिष्कार अभियान बहुत ही सोशल मीडिया-केंद्रित है."

स्मृति ने कहा कि इस कैंपेन के जरिए यह जताने का प्रयास किया जा रहा है कि शेख हसीना भारत की वजह से सत्ता में आई हैं. उन्होंने कहा जिन राजनीतिक दलों ने इस अभियान का आयोजन किया है उनकी जमीनी स्तर पर स्थिति बहुत मजबूत नहीं है. इसके अलावा बांग्लादेश भारत से जरूरी समान का आयात करता है और यह आयात-निर्यात बाजार संचालित है. कोई भी देश किसी पर उपकार नहीं कर रहा है.