About Lok Sabha Speaker: रविवार को प्रधानमंत्री मोदी और उनके मंत्रिमंडल के शपथ लेने के साथ ही नई सरकार का गठन हो गया. पीएम मोदी समेत एनडीए के कुल 72 सांसदों ने मंत्री पद की शपथ ली. फिलहाल तो सब कुछ ठीक हो गया लेकिन एक सवाल जो सबके दिमाग में कौंध रहा है वो यह कि आखिर स्पीकर का पद किस पार्टी के हिस्से में मिलेगा?
इस तरह की खबर है लोकसभा स्पीकर के पद के लिए भाजपा और उसकी प्रमुख सहयोगी पार्टी टीडीपी और जेडीयू के बीच खींचातान चल रही है, लेकिन इस पद की अहमियत इतनी ज्यादा है कि भाजपा किसी भी कीमत पर स्पीकर के पद को अपने पास रखने की कोशिश कर रही है.
आइए जानते हैं कि यह पद इतना अहम क्यों है?
कैसे होता है लोकसभा स्पीकर का चुनाव
लोकसभा सदस्य में से ही किसी एक को स्पीकर चुना जाता है. साधारण बहुमत के आधार पर ही लोकसभा स्पीकर का चुनाव होता है. इसका कार्यकाल 5 साल का होता है.
क्या बलराम जाखड़ का टूटेगा रिकॉर्ड
मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में ओम बिड़ला स्पीकर थे. अगर वह इस बार भी लोकसभा स्पीकर चुने जाते हैं और सफलतापूर्वक अपना कार्यकाल पूरा कर लेते हैं तो बलराम जाखड़ का रिकॉर्ड टूट जाएगा. बलराम जाखड़ एकमात्र ऐसे स्पीकर हैं जो 2 बार चुने गए और उन्होंने अपने दोनों कार्यकाल पूरे किए.