Bengal DGP Rajeev Kumar: लोकसभा चुनाव 2024 के तारीखों के ऐलान के बाद चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार को पद से हटा दिया है. राजीव कुमार वही IPS अधिकारी हैं जिनके आवास पर 2019 में सीबीआई ने छापेमारी की थी जिसके विरोध में प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद धरने पर बैठ गईं थी.
साल 2019 में सीबीआई ने राजीव कुमार के आवास पर शारदा मामले छापेमारी की थी. इस दौरान वह कोलकाता पुलिस कमिश्नर के पद पर कार्यरत थे. राजीव कुमार के आवास पर छापेमारी की खबर के बाद सीएम ममता बनर्जी धर्मतल्ला जाकर कुछ नेता और मंत्री के साथ धरने पर बैठ गईं थी. ममता बनर्जी का कहना था कि राजीव कुमार की गिनती देश के सबसे अच्छे अधिकारियों में होती है और केंद्र सरकार की एजेंसियां उनके घर पर जाकर उन्हें परेशान कर रही है.
यूपी के चंदौसी के रहने वाले राजीव कुमार 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. शुरुआती करियर में राजीव कुमार की कुशलता से लिए काफी प्रशंसा हुआ. हालांकि, बाद में वह कई बार विवादों में भी रहे. राजीव कुमार एसटीएफ के शीर्ष पद पर भी रहे थे. एसटीएफ में रहने के बाद उन्होंने बिधाननगर के पुलिस आयुक्त का पदभार संभाला और फिर 2016 में कोलकाता के पुलिस आयुक्त बने.
खादिम जूता कंपनी के मालिक पार्थ रॉय बर्मन के अपहरण, कोलकाता स्थित अमेरिकन सेंटर पर हमला जैसे कई मामले में जांच के क्रम में उन्होंने अपनी अहम भूमिका निभाई थी. बंगाल में टीएमसी के सत्ता में आने के बाद राजीव कुमार ममता बनर्जी के विश्वासी बन गए. ममता सरकार का शासन में उन्होंने माओवादियों से लोहा लेकर अपनी कुशलता को साबित की थी.
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