menu-icon
India Daily

कौन हैं शुभांशु शुक्ला, भारत-अमेरिकी अंतरिक्ष मिशन के लिए जिन्हें बनाया गया ग्रुप कैप्टन

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के आगामी भारत-अमेरिका स्पेस मिशन के लिए चुना गया है.

auth-image
Edited By: India Daily Live
shubhanshu shukla
Courtesy: social media

About Group Captain Shubhanshu Shukla: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के आगामी भारत-अमेरिका स्पेस मिशन के लिए चुना गया है. इसरो के सूत्रों ने बताया कि ऐसा नासा द्वारा मान्यता प्राप्त सेवा प्रदाता एक्सिओम स्पेस इंक की सिफारिश पर किया गया है. राष्ट्रीय मिशन असाइनमेंट बोर्ड ने इस मिशन के लिए दो 'गगनयात्रियों' के नामों की सिफारिश की थी, जिनमें से एक को प्राइम पायलट और दूसरे को बैकअप के तौर पर चुना जाना था जिनमें से शुभांशु शुक्ला को प्राइम गगनयात्री चुन लिया गया.

इसी सप्ताह से शुरू होगी ट्रेनिंग

इसरो ने अपने बयान में कहा, "निर्दिष्ट चालक दल के सदस्यों को बहुपक्षीय चालक दल संचालन पैनल (MCOP) द्वारा अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर उड़ान भरने के लिए अंतिम रूप से मंजूरी दे दी गई है. अनुशंसित गगनयात्री अगस्त 2024 के पहले सप्ताह से मिशन के लिए अपना प्रशिक्षण शुरू करेंगे."

कौन हैं ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का जन्म 10 अक्टूबर 1985 को उत्तर प्रदेश में हुआ था. उन्होंने नेशनल डिफेंस एकेडमी से ग्रेजुएशन किया था. ग्रेजुएशन करने के बाद वह 17 जून 2006 को भारतीय वायु सेना की फाइटर ट्रीम में शामिल हो गए. एक रिपोर्ट के मुताबिक, शुभांशु शुक्ला ने जानकीपुरम की रहने वालीं और पेशे से दंत चिकित्सक से शादी की है और उनका एक चार साल का बेटा है. शुभांशु सेना में शामिल होने वाले अपने परिवार के पहले शख्स हैं.

घर वालों को बिना बताए भर दिया था NDA का फार्म
शुभांशु की बहन सुचि शुक्ला बताती हैं कि करगिल युद्ध के समय शुभांशु 14 साल के थे और हाई स्कूल के छात्र थे. दो साल बाद उन्होंने अपने एक दोस्त से NDA का फॉर्म लिया और घरवालों को बिना बताए ही उस फॉर्म को भरकर सबमिट कर दिया.

गगनयान मिशन की भी नहीं दी घरवालों को जानकारी
शुभांशु अब 38 साल के हो चुके हैं. अठारह साल बाद फिर से उन्होंने अपने परिवार को बताए बिना, भारत के पहले मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन, गगनयान मिशन के लिए खुद को एनरोल कराया.

पीएम मोदी ने घोषित किया था नाम
शुभांशु को 2000 किलो मीटर विमान उड़ाने का अनुभव है. 27 फरवरी को पीएम मोदी ने केरल के तिरुवनंतपुरम के विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर से तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ गगनयान मिशन के लिए शुभांशु का नाम घोषित किया. ये चार अंतरिक्ष यात्री इसरो के पहले चालक दल वाले अंतरिक्ष मिशन के हिस्से के रूप में निचली-पृथ्वी की कक्षा में यात्रा करेंगे.