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India Daily
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कौन हैं रेवंत रेड्डी जिन्हें माना जा रहा तेलंगाना में सीएम पद का प्रबल दावेदार

तेलंगाना में विधानसभा चुनाव के नतीजे लगभग-लगभग स्पष्ट हो चुके हैं. राज्य में कांग्रेस सरकार बनाती हुई दिखाई दे रही है.

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Sagar Bhardwaj
रेवंत रेड्डी

हाइलाइट्स

  • तेलंगाना में जीत की दहलीज पर कांग्रेस
  • रेवंत रेड्डी को माना जा रहा सीएम पद का प्रबल दावेदार

Telangana Assembly Elections: चार राज्यों मध्य प्रदेश, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में मतगणना जारी है. अभी तक के रुझानों में बीजेपी तेलंगाना को छोड़कर शेष तीन राज्यों में सरकार बनाती दिख रही है. वहीं तेलंगाना कर्नाटक के बाद दक्षिण भारत का ऐसा दूसरा राज्य है जहां कांग्रेस खुद की सरकार बनाती दिख रही है. अब चूंकि नतीजे लगभग-लगभग स्पष्ट होते दिख रहे हैं,  सबसे ज्यादा चर्चा इस बात की है कि तेलंगाना में मुख्यमंत्री कौन बनेगा?

क्या रेवंत रेड्डी के सिर पर सजेगा जीत का सेहरा

वैसे तो तेलंगाना में कांग्रेस अध्यक्ष रेवंत रेड्डी, कैप्टन एन उत्तमकुमार रेड्डी, कोमाटिरेड्डी वेंकट रेड्डी और मल्लू भट्टी विक्रमार्क आदि कई ऐसे नेता हैं जो सीएम पद की दौड़ में शामिल हैं लेकिन रेवंत रेड्डी को सीएम पद का सबसे प्रबल दावेदार माना जा रहा है. ऐसा इसलिए है कि तेलंगाना में कांग्रेस की जीत का श्रेय उन्हीं को मिल रहा है.

रेवंत रेड्डी की अध्यक्षता में कांग्रेस की जीत

रेवंत रेड्डी तेलंगाना के अध्यक्ष हैं. वह कांग्रेस के उन तीन लोकसभा सांसदों में शामिल हैं जिन्होंने 2019 में जीत हासिल की थी. इस बार रेवंत रेड्डी मुख्यमंत्री केसीआर के खिलाफ कामारेड्डी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं और खबर लिखे जाने तक सीएम केसीआर से कुछ हजार वोटों से पीछे चल रहे हैं. तेलंगाना में चुनाव से एक दिन पहले रेवंत रेड्डी पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच पहुंचे थे, इस दौरान उनके समर्थन में सीएम-सीएम के नारे लगाए गए थे.

तेलंगाना में पूरे चुनाव प्रचार के दौरान वह कांग्रेस का चेहरा बने रहे. प्रचार के दौरान वे हमेशा राहुल और प्रियंका गांधी के साथ दिखे. तेलंगाना का साल 2013 में गठन हुआ था. तेलंगाना के गठन के बाद यह राज्य में तीसरा विधानसभा चुनाव है. 119 सीटों वाले तेलंगाना में कांग्रेस की जीत लगभग तय मानी जा रही है. 

कौन हैं रेवंत रेड्डी

रेवंत रेड्डी का जन्म 1969 में अविभाजित आंध्र प्रदेश के महबूबनगर में हुआ था. उन्होंने अपनी छात्र राजनीति की शुरुआत एबीवीपी से की थी. बाद में वे चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी में शामिल हो गए थे. 2009 में वह आंध्र की कोडांगल से टीडीपी के टिकट पर विधायक भी बने. 2014 में वो तेलंगाना विधानसभा में टीडीपी के सदन के नेता चुने गए.

साल 2017 में रेवंत रेड्डी ने कांग्रेस का  दामन थाम लिया, हालांकि 2018 में वो विधानसभा का चुनाव हार गए. इसके बाद भी कांग्रेस ने उन पर भरोसा जताया और 2019 के लोकसभा चुनाव में मलकाजगिरी से टिकट दिया, जिसमें उन्होंने जीत हासिल की. साल 2021 में कांग्रेस ने उन्हें तेलंगाना का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया.