Ahmedabad Plane Crash: 12 जून 2025 को अहमदाबाद से उड़ान भरने के बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हुई किसी को नहीं पता था कि महज 26 सेकंड में आसमान से मौत बरसने वाली है. एअर इंडिया की फ्लाइट AI-171 को लेकर कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं. यह विमान बोइंग 787 ड्रीमलाइनर था, जो 2013 में सेवा में शामिल हुआ था. अब जांचकर्ताओं को इसके टेल सेक्शन में इलेक्ट्रिक आग के संकेत मिले हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि बिजली आपूर्ति में तकनीकी गड़बड़ी हो सकती है.
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, विमान का पिछला हिस्सा यानी टेल सेक्शन दुर्घटना और विस्फोट से अपेक्षाकृत कम प्रभावित हुआ. इसमें सीमित आग लगने के निशान हैं, खासतौर पर इलेक्ट्रिकल कंपोनेंट्स में. जांच अधिकारी इस हिस्से को अहमदाबाद में सुरक्षित रख कर उसमें मौजूद इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम की जांच कर रहे हैं ताकि दुर्घटना के असल कारण तक पहुंचा जा सके.
दो ब्लैक बॉक्स में से एक विमान के पिछले हिस्से से बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल की छत पर मिला था, लेकिन वह थर्मल डैमेज के कारण नष्ट हो चुका था. दूसरा ब्लैक बॉक्स 16 जून को बरामद हुआ, जिससे कुछ डेटा रिकवर हो सका है.
इसी विमान की पिछली फ्लाइट में खराबी दर्ज की गई थी, जिसे मेंटेनेंस टीम ने ठीक किया था लेकिन यह कंपोनेंट भी टेल सेक्शन में स्थित था और अब मुख्य जांच का केंद्र बन गया है. विमान का APU भी टेल सेक्शन में होता है. यह इंजन स्टार्ट करने और उड़ान के दौरान बैकअप पावर देने के लिए इस्तेमाल होता है. हादसे के समय यह APU ऑटो स्टार्ट मोड में सक्रिय था, जो इस ओर संकेत करता है कि मुख्य बिजली प्रणाली संभवतः फेल हो गई थी.
विश्वाशकुमार रमेश जो इस दुर्घटना में बचे इकलौते यात्री थे, उन्होंने बताया कि उड़ान के दौरान केबिन की लाइट बार-बार जा रही थी, जिससे बिजली आपूर्ति में खराबी होने का संकेत मिलता है. हादसे के 72 घंटे बाद, टेल सेक्शन से एक फ्लाइट अटेंडेंट का शव मिला जो सीट बेल्ट में फंसे होने के कारण मारा गया था, न कि आग से. यह ड्रीमलाइनर विमान 2013 में शामिल हुआ था, जब APU बैटरी खामी के कारण इन विमानों को FAA ने अस्थायी रूप से ग्राउंडेड किया था. सुधार के बाद इन्हें दोबारा सेवा में लाया गया था.