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India Daily

'तो देश धर्मशाला बन कर रह जाएगा', बढ़ती मुस्लिम आबादी पर अमित शाह का बड़ा बयान, विपक्ष पर भी जमकर बरसे

अमित शाह ने कहा कि घुसपैठ और चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को राजनीतिक नज़रिए से नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि ये राष्ट्रीय मुद्दे हैं।

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Edited By: Kanhaiya Kumar Jha
Union Home Minister Amit Shah
Courtesy: Social Media

भारत सरकार में गृह मंत्री अमित शाह ने देश में मुसलमानों की आबादी बढ़ने को लेकर बड़ा बयान दिया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि देश में मुसलमानों की आबादी पाकिस्तान और बांग्लादेश से हो रही घुसपैठ के कारण बढ़ रही है. दिल्ली में एक कार्यक्रम में बोलते हुए शाह ने कहा कि देश में मतदान का अधिकार केवल यहां नागरिकों को ही उपलब्ध होना चाहिए. 

अमित शाह ने कहा कि "मुस्लिम आबादी में 24.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि हिंदू आबादी में 4.5 प्रतिशत की कमी आई है. मैं आपको यह इसलिए बता रहा हूँ क्योंकि यह प्रजनन दर के कारण नहीं हुआ है. यह घुसपैठ के कारण हुआ है. इस बात पर ज़ोर देते हुए कि भारत का विभाजन धर्म के कारण हुआ, शाह ने कहा कि "भारत के दोनों ओर पाकिस्तान बना और दोनों ओर से घुसपैठ हुई, जिसके परिणामस्वरूप जनसंख्या में इतना बदलाव आया."

"प्रजनन क्षमता के कारण नहीं, बल्कि देश में घुसपैठ की वजह से बढ़ी मुस्लिम आबादी"

गृह मंत्री ने आगे कहा कि "मैं आपको घुसपैठिए और शरणार्थी के बीच का अंतर बताने जा रहा हूँ. पाकिस्तान और बांग्लादेश में जितनी भी हिंदू आबादी घटी, उनमें से कई ने भारत में शरण ली. और भारत में जो मुस्लिम आबादी बढ़ी, वह प्रजनन क्षमता के कारण नहीं, बल्कि देश में घुसपैठ करने वाले कई मुसलमानों के कारण बढ़ी." गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि घुसपैठ को राजनीतिक नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए. इन पर अंकुश लगाना जरूरी है. इन पर पाबंदी लगाना जरूरी है. अगर ऐसा नहीं करते हैं तो देश धर्मशाला बन कर रह जाएगा, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे. घुसपैठियों पर अंकुश लगेगा. शाह ने कहा कि मतदाता सूची में घुसपैठियों को शामिल करना संविधान की भावना को दूषित करता है. उन्होंने कहा कि मतदान का अधिकार केवल देश के नागरिकों को ही उपलब्ध होना चाहिए.

"मतदाता सूची को साफ़ करना चुनाव आयोग की संवैधानिक ज़िम्मेदारी है"

अमित शाह ने कहा कि घुसपैठ और चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को राजनीतिक नज़रिए से नहीं देखा जाना चाहिए. उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि ये राष्ट्रीय मुद्दे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि यह प्रक्रिया कांग्रेस पार्टी की सरकार के दौरान भी हुई थी. उन्होंने कहा, "विपक्ष विरोध की कवायद कर रहा है क्योंकि उनके वोट बैंक कट रहे हैं. मतदाता सूची को साफ़ करना चुनाव आयोग की संवैधानिक ज़िम्मेदारी है. अगर आपको कोई समस्या है तो आप अदालत जा सकते हैं."