Himanta Biswa Sarma: असम में 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं, उससे पहले सभी दल प्रचार अभियान में जुट गए हैं. पिछले कुछ महीनों से असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा लगातार बढ़ती मुस्लिम आबादी की बात कर रहे हैं. इसी सिलसिले में असम के सीएम लगातार रोहिंग्या मुसलमानों को राज्य से बाहर निकाल रहे हैं. शुक्रवार को एक कार्यक्रम के दौरान असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि राज्य में जनसंख्या संरचना में बदलाव आया है और आगामी जनगणना रिपोर्ट में मुस्लिम आबादी 38 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी.
यह आंकड़ा 2011 की जनगणना में दर्ज लगभग 34 प्रतिशत से ज़्यादा है. डिब्रूगढ़ में आयोजित मुख्यमंत्री महिला उद्यमिता अभियान (MMUA) कार्यक्रम में पत्रकारों से बातचीत करते हुए CM सरमा ने कहा, "जब असम में जनगणना होगी और उसका रिपोर्ट प्रकाशित होगा, तो मिया मुस्लिम आबादी 38 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी. यदि अनुमान लगाया जाए, तो वे असम की सबसे बड़ी समुदाय बन जाएंगे."
मूलाधार (जाती, माटी, भेती) की रक्षा के लिए दो महत्वपूर्ण बिल
मुख्यमंत्री ने राज्य की आदिवासी और स्थानीय जनता की सुरक्षा पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि सरकार जाति, जमीन और मूलाधार (जाती, माटी, भेती) की रक्षा के लिए दो महत्वपूर्ण बिल लाने की तैयारी कर रही है. उन्होंने आगे कहा, "हम आगामी विधानसभा सत्र में इन समस्याओं के समाधान के लिए दो अहम बिल लाएंगे. यदि हमने पिछले 30 वर्षों में वही किया होता जो हमने पिछले पांच वर्षों में किया, तो आज हमें इस संकट का सामना नहीं करना पड़ता. अब एक लड़ाई शुरू हो चुकी है और हमें इसे अपनी इच्छित मंजिल तक ले जाना होगा. अगले 10 वर्षों तक यह संघर्ष जारी रहेगा."
बीज निधि के माध्यम से सशक्त
2011 की जनगणना के अनुसार, असम में मुस्लिम आबादी राज्य की कुल जनसंख्या का 34.22 प्रतिशत थी. कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री सरमा ने डिब्रूगढ़ की महिला उद्यमियों से मुलाकात की और MMUA बीज निधि के तहत 14,000 से अधिक महिलाओं को लगभग 10,000 रुपये दिए.
इस मौके पर उन्होंने कहा, "डिब्रूगढ़ की हमारी महिला उद्यमियों से मिलकर बहुत प्रेरणा मिली. आज हमने 14,000 से अधिक महिलाओं को उनके व्यवसायिक विचारों को सफल बनाने के लिए 10,000 रुपये की बीज निधि के माध्यम से सशक्त किया और यह केवल शुरुआत है; भविष्य में और समर्थन मिलेगा."
इस पहल का उद्देश्य महिलाओं को स्वरोजगार और व्यवसायिक अवसर प्रदान करना है और राज्य में आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है. CM सरमा की यह रणनीति न केवल महिलाओं को समर्थन देती है बल्कि स्थानीय समुदाय और आर्थिक ढांचे को मजबूत करने में भी मददगार साबित हो रही है.