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MP Elections: शहडोल से किन्नर काजल मौसी ने पेश की दावेदारी, क्या 23 साल बाद फिर दोहराया जाएगा इतिहास

Shahdol Assembly Constituency: किन्नर काजल मौसी के चुनावी दंगल में कूदने के बाद शहडोल एकाएक चर्चा का केंद्र बन गया है.

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Sagar Bhardwaj
MP Elections: शहडोल से किन्नर काजल मौसी ने पेश की दावेदारी, क्या 23 साल बाद फिर दोहराया जाएगा इतिहास

Shahdol Assembly: मध्य प्रदेश के शहडोल में 23 साल बाद एक बार फिर से एक थर्ड जैंडर विधायक बनने की तैयारी में है. किन्नर काजल मौसी के चुनावी दंगल में कूदने के बाद शहडोल एकाएक चर्चा का केंद्र बन गया है. काजल ने शहडोल की जैतपुर विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल किया है.

काजल वास्तविक भारत पार्टी की उम्मीदवार हैं, उन्होंने नामांकन भरने के अंतिम दिन अपना पर्चा दाखिल किया. काजल ने कहा कि वह विकास की राजनीति के लिए पॉलिटिक्स में आई हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी जनता से झूठे वादे करती है लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान नहीं करती. लोगों की जिंदगी से जुड़ी ढेर सारी समस्याएं हैं जिनका कभी समाधान ही नहीं होता. अगर में चुनाव जीतती हूं तो इन समस्याओं के समाधान की दिशा में काम करूंगी.

23 साल पहले शहडोल से किन्नर ने चुनाव जीतकर रचा था इतिहास

काजल मौसी पहली किन्रर नहीं हैं जिन्होंने शहडोल से पर्चा भरा है. आज से 23 साल पहले भी एक किन्नर ने शहडोल से पर्चा भरा था और जीत दर्ज की थी. शहडोल की सोहागपुर सीट से  दिग्गज विधायक के पी सिंह की मौत के बाद साल 2000 के फरवरी माह में उपचुनाव हुआ था.

यह वह दौर था जब जनता में राजनीतिक दलों को लेकर भारी गुस्सा था, लोग कांग्रेस की दिग्विजय सरकार से बेहद नाराज थे. इसी बीच जनता ने अनूपपुर की रहने वाली किन्नर शबनम मौसी को चुनाव लड़ने के लिए प्रेरित किया. जनता की बात मानकर शबनम ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में सुहागपुर से पर्चा भर दिया. उस दौरान सुहागपुर से कांग्रेस और बीजेपी के प्रत्याशियों समेत कुल 9 उम्मीदवार मैदान में थे. शबनम मौसी को निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पतंग का चुनाव चिह्न मिला था.

क्या एक बार फिर दोहराया जाएगा इतिहास

बस फिर क्या था शबनम मौसी की पतंग ने ऐसी उड़ान भरी कि सब भौचक्के रह गए. शबनम ने इस चुनाव में भारी अंतर से जीत दर्ज कर इतिहास रच दिया था. बिल्कुल ऐसे ही हालात इस समय किन्नर काजल मौसी के सामने हैं. अब देखना यह होगा कि काजल मौसी विधायक बनकर  एक बार फिर इतिहास रचेंगी या नहीं.

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