नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस (TMC) के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने चुनाव आयोग के साथ हुई एक लंबी बैठक के बाद केंद्र सरकार और मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं. यह बैठक करीब ढाई घंटे तक चली. TMC नेता अभिषेक बनर्जी का कहना है कि आयोग उनकी चिंताओं का कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे पाया.
अभिषेक बनर्जी ने आरोप लगाया कि अब देश में चुनावों में गड़बड़ी ईवीएम के जरिए नहीं, बल्कि वोटर लिस्ट में सॉफ्टवेयर और एल्गोरिदम के इस्तेमाल से की जा रही है. उन्होंने कहा कि मतदाता सूची में जानबूझकर हेरफेर कर लोगों के नाम हटाए जा रहे हैं, जिससे 'वोट चोरी' हो रही है.
उन्होंने बताया कि इस बैठक में TMC के 10 सांसद और पश्चिम बंगाल सरकार के वरिष्ठ मंत्री शामिल थे. इससे पहले 28 नवंबर को भी चुनाव आयोग से इसी मुद्दे पर सवाल पूछे गए थे, लेकिन तब भी कोई जवाब नहीं मिला. अभिषेक बनर्जी का आरोप है कि आयोग ने जवाब देने के बजाय चुनिंदा मीडिया को जानकारी लीक कर दी.
बैठक के दौरान हुए व्यवहार पर भी उन्होंने नाराजगी जताई. उनका कहना है कि मुख्य चुनाव आयुक्त ने उनसे उंगली उठाकर बात करने की कोशिश की, जिस पर उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि वे निर्वाचित जनप्रतिनिधि हैं और किसी के अधीन नहीं हैं. उन्होंने CEC को चुनौती दी कि अगर वे सही हैं, तो बैठक की CCTV फुटेज सार्वजनिक करें और मीडिया के सामने सवालों का जवाब दें.
अभिषेक बनर्जी ने दावा किया कि SIR प्रक्रिया के तहत 1.36 करोड़ मामलों में 'लॉजिकल विसंगति' बताई जा रही है, लेकिन चुनाव आयोग ने अब तक इसकी पूरी सूची सार्वजनिक नहीं की. उन्होंने कहा कि ECI के ऐप में भी खामियां हैं. कई जगह जरूरी दस्तावेज जमा होने के बाद भी नोटिस जारी नहीं हो रहे और बिना जानकारी दिए मतदाताओं के नाम हटाए जा रहे हैं.
यह सब AERO अधिकारियों की जानकारी के बिना सॉफ्टवेयर के जरिए किया जा रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि 60 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों, दिव्यांग लोगों और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे नागरिकों को घंटों तक फिजिकल वेरिफिकेशन के लिए बैठाया जा रहा है, जो पूरी तरह अमानवीय है.
अभिषेक बनर्जी ने सवाल उठाया कि रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों के नाम पर पश्चिम बंगाल को बदनाम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अगर 58 लाख लोगों की सूची बनाई गई है, तो यह साफ बताया जाए कि उनमें से कितने लोग वास्तव में अवैध प्रवासी हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर कोई अवैध है, तो TMC भी उनके खिलाफ कार्रवाई के पक्ष में है, लेकिन झूठे आरोप स्वीकार नहीं किए जाएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि देश के 11 अन्य राज्यों में भी SIR प्रक्रिया चल रही है, लेकिन बंगाल में सबसे कम नाम हटने के बावजूद यहां सबसे ज्यादा सख्ती की जा रही है.
अभिषेक बनर्जी ने कांग्रेस, AAP और RJD सहित सभी विपक्षी दलों से एकजुट होने की अपील की. उन्होंने कहा कि अब चुनावों में गड़बड़ी ईवीएम से नहीं, बल्कि वोटर लिस्ट और सॉफ्टवेयर के जरिए की जा रही है. उन्होंने दावा किया कि बीजेपी महाराष्ट्र, हरियाणा, दिल्ली और बिहार जैसे राज्यों में इसी तरीके से जीत रही है.
उन्होंने कहा कि पहले जनता तय करती थी कि सरकार कौन बनाएगा, अब सरकार तय कर रही है कि वोट कौन डालेगा. लेकिन बीजेपी हमेशा सत्ता में नहीं रहेगी, संविधान हमेशा रहेगा. 2026 में बंगाल की जनता फिर बीजेपी को हराएगी।.