उत्तराखंड के हल्द्वानी से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां वनभूलपुरा थाना क्षेत्र में एक एचआईवी संक्रमित युवक था लेकिन इस जानकारी को छुपाते हुए परिवार वालों ने उसकी शादी एक स्वस्थ लड़की से करा दी. इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब शादी के कुछ दिन बाद वह महिला गर्भवती हुई. एड्स संक्रमित युवक की पत्नी जब डिलीवरी जांच कराने के लिए हॉस्पिटल गई तो वहां उसकी जांच में एचआईवी पॉजिटिव निकल कर सामने आया. हालांकि उस दौरान ससुराल वालों ने रिपोर्ट को झूठा करार दे दिया था
पीड़ित ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि 10 जून 2020 को उसकी शादी क्षेत्र के ही एक युवक के साथ हुई थी. 31 जुलाई 2021 को उसके बेटे को जन्म दिया लेकिन ये प्रसव घर पर ही हुआ जहां उस बच्चे को इंफेक्शन हो गया, जिसकी तीन महीने बाद मौत हो गई. महिला का आरोप है कि ससुराल वालों ने बीमार बच्चे का इलाज ही नहीं होने दिया ताकि बीमारी का पता ना चल जाए. इस दौरान महिला की कई तरह की शारीरिक जांच हुई तो पता चला कि वह एचआईवी पॉजिटिव हो चुकी है.
घर वालों से पूछताछ में पता चला कि उसका पति पहले से ही एचआईवी पॉजिटिव था. जिसका किसी हकीम से इलाज चल रहा था. पीड़िता ने आरोप लगाया है कि शादी के वक्त उसे इस बात की जानकारी छिपाई गई थी और जब उसे इसकी एचआईवी संक्रमण का मामला खुला तो ससुराल पक्ष ने उसे दहेज के लिए प्रताड़ित करना शुरू कर दिया.
पीड़िता का आरोप है कि वर्ष 2022 में जब वह दोबारा से गर्भवती हुई तो उसकी ननद ने बुखार की गोलियों का ओवरडोज देकर उसका गर्भपात करा दिया. वहीं बीते तीन जुलाई की रात पति, जेठ, सास और ननद ने उसके साथ मारपीट की.
वहीं वनभूलपुरा पुलिस ने पुरानी आईपीसी के दहेज एक्ट और नई भारतीय न्याय संहिता की धारा 155(2), 351(2) और 85 के तहत ससुराल पक्ष के 7 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.