केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू ने मंगलवार को कहा कि 12 जून को अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हुए एयर इंडिया के विमान AI171 का ब्लैक बॉक्स भारत में ही है और विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो द्वारा इसकी जांच की जा रही है. नायडू ने अपने बयान में ब्लैक बॉक्स को जांच के लिए विदेश भेजे जाने की खबरों को खारिज किया है.
गैटविक जाने वाला एआई171 बोइंग 787-7 ड्रीमलाइनर विमान सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों के भीतर मेघानी नगर स्थित बीजे मेडिकल कॉलेज के छात्रावास परिसर में जा गिरा. विमान में सवार 242 लोगों में से केवल एक व्यक्ति ही जीवित बचा. इसके अलावा, ज़मीन पर मौजूद 29 लोग भी इस भयानक विमान दुर्घटना में मारे गए. इस त्रासदी में कुल 270 लोगों की जान चली गई. अधिकारियों ने 13 जून को एयर इंडिया विमान का ब्लैक बॉक्स घटनास्थल से बरामद कर लिया था.
क्या होता है ब्लैक बॉक्स?
ब्लैक बॉक्स एक छोटी मशीन है जो उड़ान के दौरान विमान के बारे में जानकारी रिकॉर्ड करती है. यह बॉक्स किसी भी दुर्घटना की स्थिति में विमानन जांच में मदद करता है. ब्लैक बॉक्स में दो रिकॉर्डर, पायलट की आवाज़ और कॉकपिट की आवाज़ के लिए एक कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर और एक अलग फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर भी शामिल है.
विदेश भेजे जाने की थी खबर
इससे पहले कुछ रिपोर्टों में कहा गया था कि केंद्र ब्लैक बॉक्स को जांच के लिए अमेरिका भेजने जा रहा है. हालांकि, नायडू ने अब ऐसे किसी भी दावे को खारिज करते हुए कहा है कि यह सब अटकलें हैं. ब्लैक बॉक्स भारत में ही है और वर्तमान में विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) इसकी जांच कर रहा है. मंत्री ने स्पष्ट किया कि ब्लैक बॉक्स से डेटा प्राप्त करना एक बहुत ही तकनीकी मामला है तथा उन्होंने परिणामों के लिए कोई विशेष समयसीमा बताने से परहेज किया.
इससे पहले नायडू ने कहा था कि ब्लैक बॉक्स को डिकोड करने से 12 जून को एयर इंडिया के विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से कुछ समय पहले क्या हुआ था, इसकी गहन जानकारी मिल सकेगी. नायडू ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय के साथ साझेदारी में फिक्की द्वारा आयोजित हेलीकॉप्टर एवं लघु विमान शिखर सम्मेलन 2025 के अवसर पर संवाददाताओं से बात की.
केंद्र सरकार द्वारा गठित एक उच्च स्तरीय समिति अहमदाबाद विमान दुर्घटना की जांच कर रही है. इस समिति की अध्यक्षता गृह सचिव कर रहे हैं और इसमें राज्य और केंद्र के प्रतिनिधि शामिल हैं, जो संयुक्त सचिव स्तर से नीचे के नहीं हैं.
विमानन मंत्रालय के आदेश में कहा गया है, समिति को उड़ान डेटा, कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर, विमान रखरखाव रिकॉर्ड, एटीसी लॉग और गवाहों की गवाही सहित सभी रिकॉर्ड तक पहुंच होगी. साथ ही कहा गया है कि जांच पैनल तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रकाशित करेगा.