महाराष्ट्र के ठाणे में नगर निगम ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर खान कंपाउंड में अंडरवर्ल्ड से जुड़ी 17 अवैध इमारतों को ध्वस्त करने का अभियान दूसरे दिन भी जारी रखा. इस कार्रवाई से प्रभावित निवासियों ने गहरी नाराजगी जताई और सवाल उठाए कि उनकी मेहनत की कमाई से खरीदे गए घरों को बारिश के मौसम में क्यों तोड़ा जा रहा है.
निवासियों का दर्द: बारिश में बेघर
एक समाचार चैनल से बातचीत में निवासियों ने बताया कि उन्होंने 15-18 लाख रुपये की मेहनत की कमाई से ये फ्लैट खरीदे थे. एक निवासी ने कहा, “हमारे पास सभी दस्तावेज हैं, फिर भी हमें बेघर किया जा रहा है. हमारे साथ बुजुर्ग और बच्चे हैं. मानसून में हम कहां जाएंगे?” उन्होंने आरोप लगाया कि ठाणे नगर निगम (टीएमसी) के अधिकारियों की मिलीभगत से ये इमारतें बनीं, लेकिन अब निवासियों को सजा भुगतनी पड़ रही है.
#WATCH | ठाणे, महाराष्ट्र | ठाणे नगर निगम ने अदालत के आदेश के बाद मुंब्रा क्षेत्र में 17 अवैध इमारतों को ध्वस्त कर दिया। pic.twitter.com/Hbv72vLZHC
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 25, 2025
पुलिस की सख्ती, कोई व्यवस्था नहीं
निवासियों ने शिकायत की कि पुलिस उन्हें परिसर में न तो घुसने दे रही है और न ही निकलने. एक निवासी ने कहा, “टीएमसी सिर्फ झूठे आश्वासन दे रही है. हमारे लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई. स्कूल जाने वाले बच्चे और बुजुर्गों के साथ हम सड़क पर हैं.” विरोध को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है.
हाईकोर्ट के आदेश का पालन
ठाणे नगर निगम के डिप्टी कमिश्नर मनीष जोशी ने कहा, “हम अवैध इमारतों को गिराने के बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश का पालन कर रहे हैं. दूसरे दिन ध्वस्तीकरण अभियान और तेज किया गया है. निवासियों को अदालत के आदेशों के बारे में सूचित किया गया है और अब वे सहयोग कर रहे हैं.” अभियान को जल्द पूरा करने के लिए अतिरिक्त मशीनरी तैनात की गई है.
दोषी अधिकारियों पर सवाल
निवासियों ने सवाल उठाया, “इन इमारतों को बनाने की अनुमति किसने दी? दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई कब होगी?” हाईकोर्ट ने मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं. अब देखना है कि ठाणे नगर निगम के दोषी अधिकारियों पर कब कार्रवाई होती है.