साबरमती जेल में बंद आतंकी की कैदियों ने बेरहमी से की पिटाई, पुलिस ने बढ़ाई सख्ती
साबरमती जेल में आतंकी आरोपी अहमद सईद पर तीन कैदियों ने सुबह 7 बजे हमला कर दिया, जिससे उसे कई चोटें आईं. इलाज के बाद उसे वापस जेल भेजा गया. घटना के बाद गुजरात पुलिस ने राष्ट्र-विरोधी तत्वों की 100 घंटे की व्यापक जांच शुरू की है.
अहमदाबाद: गुजरात की साबरमती सेंट्रल जेल में मंगलवार सुबह बड़ा मामला सामने आया, जहां आतंकी आरोपी अहमद सईद पर तीन सह-कैदियों ने मिलकर हमला कर दिया. घटना सुबह करीब 7 बजे हुई. अहमद को एक दिन पहले ही जेल में शिफ्ट किया गया था. हमले में उसकी आंख के पास गंभीर चोट आई, जबकि चेहरे और शरीर के अन्य हिस्सों पर भी गहरे निशान पाए गए.
हमला करने वालों की पहचान अनिल खुमान, शिवम वर्मा और अंकित लोधी के रूप में हुई है. अनिल खुमान कागदापीठ थाने में हत्या के मामले में अंडरट्रायल है, शिवम शर्मा अमराईवाड़ी थाने में हत्या का आरोपी है, जबकि अंकित लोधी साबरमती थाने के पॉक्सो मामले में बंद है. प्रारंभिक जांच में आशंका जताई गई है कि हमलावरों ने उंगली में पहनी अंगूठी या किसी कठोर चीज का इस्तेमाल किया होगा.
गुजरात एटीएस पहुंची जेल, जांच शुरू
हमले के बाद जेल प्रशासन हरकत में आया और गुजरात एटीएस तुरंत जेल पहुंची. अहमद सईद को इलाज के लिए सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे वापस जेल में भेज दिया गया. रानिप पुलिस स्टेशन में इस घटना की औपचारिक शिकायत दर्ज कर ली गई है और अब जेल अधिकारी सभी आरोपियों से पूछताछ कर रहे हैं.
गुजरात पुलिस की व्यापक जांच शुरू
घटना के बाद राज्य के डीजीपी विकास सहाय ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर महत्वपूर्ण बयान दिया. उन्होंने कहा कि गुजरात पुलिस पिछले 30 वर्षों से राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में शामिल सभी संदिग्धों और आरोपियों की फिर से गहन जांच कर रही है. सभी पुलिस थानों को निर्देश दिया गया है कि वे अगले 100 घंटों में यह प्रक्रिया पूरी करें और पुरानी फाइलों से लेकर वर्तमान रिकॉर्ड तक की विस्तार से जांच करें.
यह कदम हाल ही में हुई घटनाओं को देखते हुए उठाया गया है. 8 नवंबर को गुजरात एटीएस ने राज्य के अलग-अलग हिस्सों में छापेमारी कर कई राष्ट्र-विरोधी तत्वों को पकड़ा था और हथियार भी बरामद किए थे. इसके अगले ही दिन फरीदाबाद में ऐसे ही तत्वों पर कार्रवाई की गई और उसी दिन दिल्ली में बम धमाका हुआ. इन घटनाओं ने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया.
क्या कहा DGP ने?
डीजीपी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पूरे राज्य के पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि पिछले तीन दशकों में जिन भी व्यक्तियों पर देश-विरोधी गतिविधियों के आरोप लगे हैं, उन सभी की सूची अपडेट की जाए और उनकी विस्तृत जांच दोबारा की जाए.
साबरमती जेल में हुए हमले ने सुरक्षा व्यवस्था और जेल प्रबंधन पर सवाल खड़े किए हैं. वहीं, आतंकवाद से जुड़े मामलों को लेकर गुजरात पुलिस की सख्ती और सतर्कता एक बार फिर से सामने आई है.