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‘वक्फ बिल की 40 धाराएं मुसलमानों के लिए खतरनाक', TDP के विरोध के सुर, BJP के लिए बन सकती है परेशानी?

Waqf Bill: संशोधित वक्फ बिल को लेकर विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया. बीजेपी की सहयोगी पार्टियों ने भले ही इसका समर्थन किया हो लेकिन अभी कुछ पार्टियां खुलकर इसके समर्थन में नहीं आई हैं. चंद्रबाबू नायडू की टीडीप ने भले ही इस बिल का स्वागत किया है लेकिन बिल के कई मुद्दों को लेकर पार्टी ने चिंता भी जताई है.

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TDP
Courtesy: Social Media

Waqf Bill: संसद का मॉनसून सत्र हाल ही में समाप्त हुआ. सत्र समाप्त  होने से पहले सरकार ने वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया. इस दौरान संसद में खूब हंगामा हुआ. विपक्षी पार्टियों ने इस विधेयक का विरोध किया. बीजेपी की सहयोगी पार्टियों में से एक टीडीपी भी इस विधेयक को लेकर विरोध के सुर सुनाने लगी है.  पार्टी के अल्पसंख्यक सेल के महासचिव फतुल्लाह मोहम्मद ने इस विधेयक के कुछ हिस्सों को मुसलमानों के लिए हानिकारक बताया है. उन्होंने वक्फ विधेयक के कुछ हिस्सों को चिंताजनक बताया है. उन्होंने  अपनी पार्टी से संसद में इसका समर्थन करने से पहले मुस्लिम नेताओं से परामर्श करने का आग्रह किया है.

आंध्र प्रदेश की आबादी में मुसलमानों की संख्या लगभग 12-13% है, इसलिए टीडीपी यह सुनिश्चित करना चाहती है कि वह प्रस्तावित विधेयक के “विवादास्पद” खंडों का समर्थन करके समुदाय को नाराज़ न करे. 

टीडीपी के लिए आंध्र प्रदेश में अहम है मुस्लिम समुदाय

राज्य के रायलसीमा क्षेत्र में केंद्रित यह समुदाय TDP का एक महत्वपूर्ण वोट बैंक माना जाता है और हाल ही में हुए विधानसभा और लोकसभा चुनावों में भारी जीत सुनिश्चित करने में इस समुदाय की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. ऐसे में पार्टी नहीं चाहेगी कि वह अपने वोट बैंक को निराश करे.

इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत करते हुए  फतुल्लाह मोहम्मद ने अपनी चिंताओं को व्यक्त करते हुए NDA से अपनी अपेक्षाएं भी बताईं. 

"वक्फ विधेयक की 40 धाराएं मुसलमानों के लिए हैं खतरनाक"

टीडीपी नेता फतुल्लाह मोहम्मद ने कहा कि वक्फ संसोधन विधेयक में 40 ऐसी धाराएं हैं जो मुसलमानों और वक्फ बोर्डों के कामकाज के लिए हानिकारक हैं. पार्टी इस विधेयक का स्वागत करती है लेकिन मसौदा विधेयक में किए गए बदलाव चिंता का विषय हैं.

उन्होंने कहा कि संशोधन ता उद्देश्य कानून को मजबूत करना होता है. लेकिन वक्फ बोर्ड विधेयक के मसौदे में हमें पता चले है कि इसमें महारे अधिकारों को कमजोर किया जा रहा है. इस विधेयक में 5 से 6 बिंदू ऐसे हैं जिन पर ध्यान देने की आवश्यकता है. 

संशोधित विधेयक में शामिल सदस्य में मुस्लिम होने की बात नहीं 

फतुल्लाह मोहम्मद ने कहा कि सेंट्रल वक्फ काउंसिल में 2 मुस्लिम सांसदों को सदस्य बनाने का प्रावधान है. लेकिन संशोधित विधेयक में इस नियम को खत्म कर दिया गया है और 2 महिलाओं को सदस्य बनाने का प्रावधान किया गया है.

इस पर हमें किसी भी प्रकार की कोई आपत्ति नहीं है लेकिन इसमें मुस्लिम होने की बात है ही नहीं. वक्फ बोर्ड का काम मस्जिदों और दरगाहों जैसे धार्मिक स्थानों का दौरा करना है और केवल आस्था के बारे में जानकारी रखने वाले मुसलमान ही कुछ कर्तव्यों को पूरा कर सकते हैं.
 

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