भारत इन दिनों अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के बेहद पेचीदा मोड़ पर खड़ा है. एक ओर रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म कराने की कोशिशें जारी हैं, तो दूसरी ओर अमेरिका की नाराजगी और आर्थिक दबाव से निपटना भी चुनौती है. ऐसे माहौल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की की बातचीत ने न केवल भारत की भूमिका को और अहम बना दिया है बल्कि यह भी दिखाया है कि नई दिल्ली शांति की बहाली के प्रयासों में सक्रिय रूप से शामिल है.
प्रधानमंत्री मोदी ने फोन पर हुई इस बातचीत में कहा कि भारत हर संभव कदम उठाने के लिए तैयार है जिससे युद्ध प्रभावित इलाकों में शांति और स्थिरता लौट सके. उन्होंने मानवीय पहलुओं पर भी जोर दिया और कहा कि मासूम नागरिकों की सुरक्षा सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए. मोदी ने एक्स पर लिखा 'आज राष्ट्रपति जेलेंस्की से सार्थक बातचीत हुई. हमने युद्ध, मानवीय संकट और शांति बहाली पर विचार साझा किए. भारत इस दिशा में हर प्रयास का पूरा समर्थन करेगा.'
यह वार्ता ऐसे समय हुई है जब पीएम मोदी चीन के तियानजिन में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) सम्मेलन में हिस्सा लेने जा रहे हैं, जहां उनकी मुलाकात रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से तय है. साफ है कि मोदी ने जेलेंस्की से बात कर दुनिया को यह संदेश दिया है कि भारत सिर्फ रूस के साथ रिश्ते निभाने तक सीमित नहीं है, बल्कि शांति प्रक्रिया में सभी पक्षों से संवाद करना उसकी कूटनीतिक प्राथमिकता है.
Thank President Zelenskyy for his phone call today. We exchanged views on the ongoing conflict, its humanitarian aspect, and efforts to restore peace and stability. India extends full support to all efforts in this direction. @ZelenskyyUa
— Narendra Modi (@narendramodi) August 30, 2025
रूस से सस्ते दामों पर कच्चा तेल खरीदने को लेकर अमेरिका और भारत के बीच तनाव चरम पर है. अमेरिकी प्रशासन ने आरोप लगाया है कि भारत, रूस से तेल आयात कर अप्रत्यक्ष रूप से युद्ध को आर्थिक मदद दे रहा है. इसी कारण अमेरिका ने भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत तक का अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया है. भारत ने इसे 'अनुचित और अव्यावहारिक' करार देते हुए कहा है कि यह न केवल द्विपक्षीय व्यापार को नुकसान पहुंचाएगा बल्कि वैश्विक बाजार में भी नकारात्मक असर डालेगा.
I spoke with Prime Minister of India @NarendraModi.
— Volodymyr Zelenskyy / Володимир Зеленський (@ZelenskyyUa) August 30, 2025
I informed about the talks with President Trump in Washington with the participation of European leaders. It was a productive and important conversation, a shared vision among partners on how to achieve real peace. Ukraine… pic.twitter.com/fINVbncnlR
भारत लगातार यह स्पष्ट कर रहा है कि उसकी प्राथमिकता राष्ट्रीय हित और ऊर्जा सुरक्षा है. नई दिल्ली का मानना है कि ऊर्जा की आपूर्ति किसी भी देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ होती है और इसे राजनीतिक दबाव का साधन नहीं बनाया जाना चाहिए. मोदी सरकार का प्रयास है कि वह रूस और अमेरिका दोनों से रिश्ते संतुलित रखे और साथ ही दुनिया को यह भरोसा दिलाए कि भारत शांति, स्थिरता और वैश्विक सहयोग का मजबूत स्तंभ है.