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Jharkhand News: प्राइवेट फर्म ने नौकरी का झांसा देकर 62 युवकों को बनाया बंधक, झारंखड पुलिस ने स्पेशल ऑपरेशन के तहत ऐसे कराया आजाद

झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले में एक प्राइवेट फर्म की ओर से युवकों को बंधक बनाने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है. इस फर्म ने नौकरी और प्रशिक्षण का लालच देकर 62 युवकों को अपनी चपेट में लिया और उन्हें बंधक बनाकर रखा.

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Edited By: Garima Singh
Jharkhand News
Courtesy: AI IMAGE

Jharkhand Crime News: झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले में एक प्राइवेट फर्म की ओर से युवकों को बंधक बनाने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है. इस फर्म ने नौकरी और प्रशिक्षण का लालच देकर 62 युवकों को अपनी चपेट में लिया और उन्हें बंधक बनाकर रखा. गुरुवार रात पुलिस की त्वरित कार्रवाई के बाद सभी पीड़ितों को मुक्त कराया गया और इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. यह घटना न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि पूरे राज्य में चर्चा का विषय बन गई है.

उप-मंडल पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) अरविंद बिन्हा ने बताया कि सरायकेला-खरसावां जिले के चांडिल थाना क्षेत्र के कपाली, तमोलिया इलाके में पुलिस को सूचना मिली थी कि एक प्राइवेट फर्म द्वारा बड़ी संख्या में युवकों को जबरन बंधक बनाया गया है. इस सूचना की पुष्टि के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और गुरुवार रात तीन अलग-अलग किराए के मकानों में छापेमारी कर 62 युवकों को मुुक्त कराया. पीड़ितों ने बताया कि “उनके साथ मारपीट की जाती थी और विरोध करने पर शारीरिक शोषण किया जाता था.” पुलिस ने इस मामले में फर्म के सुपरवाइजर सहित बिहार के भागलपुर और गया के रहने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया.

दस्तावेज जब्त, जांच जारी

छापेमारी के दौरान पुलिस ने फर्म से जुड़े 33 महत्वपूर्ण दस्तावेज भी जब्त किए हैं, जिनकी जांच चल रही है. एसडीपीओ ने बताया कि “आरोपियों को शुक्रवार को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.” इस मामले में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है. पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि यह फर्म कब से इस तरह के गैरकानूनी कार्यों में संलिप्त थी और इसमें कितने लोग शामिल हैं.

पहले भी सामने आए हैं ऐसे मामले

यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले झारखंड के पूर्वी सिंहभूम और जमशेदपुर जिलों में भी पुलिस ने छापेमारी कर 350 से अधिक युवकों को बंधक बनाए जाने की स्थिति से मुक्त कराया था. इन युवकों से जबरन काम कराया जाता था और पैसे मांगने पर उनके साथ मारपीट की जाती थी. पुलिस का कहना है कि “ऐसे अपराधियों के खिलाफ हमारा अभियान लगातार जारी है.”