स्टाफ सिलेक्शन कमिशन (SSC) की सेलेक्शन पोस्ट फेज-13 परीक्षा को लेकर मचे बवाल के बीच आयोग के चेयरमैन एस. गोपालकृष्णन ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने सोमवार को साफ कर दिया कि परीक्षा रद्द नहीं होगी, लेकिन जिन परीक्षार्थियों को परीक्षा के दौरान किसी तरह की अनियमितता या तकनीकी खामी का सामना करना पड़ा है, उनके लिए री-टेस्ट (पुनः परीक्षा) पर विचार किया जा रहा है.
24 जुलाई से 1 अगस्त के बीच आयोजित फेज-13 परीक्षा में करीब 5 लाख छात्रों ने हिस्सा लिया था. देशभर के 194 सेंटरों पर यह परीक्षा हुई, लेकिन कई जगहों से परीक्षा के अचानक रद्द होने, सॉफ्टवेयर क्रैश, बायोमैट्रिक फेलियर और सेंटर दूर होने जैसी शिकायतें सामने आईं. इन गड़बड़ियों से परेशान होकर अभ्यर्थियों ने दिल्ली में प्रदर्शन किया और सोशल मीडिया पर भी भारी विरोध दर्ज कराया.
एएनआई से बातचीत में चेयरमैन गोपालकृष्णन ने माना कि परीक्षा के आयोजन में कई स्तर पर गड़बड़ियां हुईं. उन्होंने कहा- "अगर हमें एक भी ऐसा उम्मीदवार मिलता है जिसे अन्याय हुआ है, तो हम उसके लिए परीक्षा फिर से कराएंगे." उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि नए परीक्षा वेंडर 'एडुक्विटी करियर टेक्नोलॉजीज' के साथ शुरुआती समस्याएं आईं, लेकिन पिछले एक सप्ताह में उनकी परफॉर्मेंस में सुधार देखा गया है. आयोग ने वेंडर को निर्देश दिए हैं कि वे सभी तकनीकी समस्याओं को जल्द से जल्द ठीक करें.
2 अगस्त को 16,600 उम्मीदवारों के लिए अतिरिक्त परीक्षा आयोजित की गई, लेकिन इसमें मात्र 60 प्रतिशत ही उपस्थित हो सके. अब आयोग आगे और रीटेस्ट आयोजित करने पर विचार कर रहा है. साथ ही, छात्रों द्वारा सवालों के दोहराव की शिकायतों पर आयोग ने सफाई दी है कि केवल एक बेसिक AI सिस्टम का उपयोग किया जा रहा है, जिससे सवालों की पुनरावृत्ति रोकी जा सके. आने वाले 6-8 अगस्त के टेस्ट के लिए 3.5 लाख उम्मीदवारों की तैयारी चल रही है और आयोग को उम्मीद है कि आगे की परीक्षाएं बिना किसी गड़बड़ी के संपन्न होंगी.