बॉम्बे हाई कोर्ट ने EDको फटकार लगाते हुए कहा है कि नींद एक मानवीय जरुरत है और रात के वक्त किसी से पूछताछ करना सही नहीं है. दरअसल मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने एक वरिष्ठ नागरिक से पूछताछ की थी. कोर्ट ने टिप्पणी 64 वर्षीय राम इसरानी की याचिका पर दिया है, जिन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी.
न्यायमूर्ति रेवती मोहिते-डेरे और न्यायमूर्ति मंजूषा देशपांडे की खंडपीठ ने कहा कि सोने के समय के बयान रात में दर्ज नहीं किए जाने चाहिए. नींद हर आदमी की जरुरत है. याचिका के अनुसार, ED अधिकारियों ने इसरानी से सुबह तक पूछताछ की. कोर्ट ने कहा कि हम ईडी के तरीके की निंदा करते हैं जिस तरह से देर रात पूछताछ गई ये गलत था.
64 वर्षीय राम इसरानी की याचिका अपनी याचिका में कहा कि वह जारी किए गए समन पर सात अगस्त, 2023 को एजेंसी के सामने पेश हुए और उनसे पूरी रात पूछताछ की गई और अगले दिन मामले में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि वह समन जारी होने पर ED को बयान दर्ज करने के समय के बारे में एक सर्कुलर/दिशा-निर्देश जारी करने का निर्देश देना उचित समझती है.