अंतरिक्ष में भारत का परचम एक बार फिर गर्व से लहरा रहा है. एक्सिओम-4 मिशन के तहत अंतरिक्ष में गए भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने मिशन की समाप्ति पर एक भावुक और प्रेरणादायक भाषण दिया. इस दौरान उन्होंने भारत के भविष्य को लेकर गर्व और उम्मीद भरे शब्दों में देशवासियों को संबोधित किया. उन्होंने बताया कि भले ही अंतरिक्ष की यह यात्रा खत्म हो रही है, लेकिन भारत के लिए यह बस एक शुरुआत है.
फेयरवेल समारोह में बोलते हुए शुभांशु शुक्ला ने कहा, “यह यात्रा वाकई अविश्वसनीय रही है. इसे और भी खास बनाने वाले वे लोग हैं, जिन्होंने इसे संभव बनाया.” उन्होंने मिशन में शामिल सभी वैज्ञानिकों, इंजीनियरों, प्रशिक्षकों और सहयोगियों का आभार जताया. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि किसी भी मिशन की सफलता केवल तकनीक से नहीं, बल्कि उसे अंजाम देने वालों की मेहनत और समर्पण से तय होती है. अंतरिक्ष में बिताए गए पलों को उन्होंने जीवन का सबसे प्रेरणादायक अनुभव बताया.
हिंदी में देशवासियों से बात करते हुए उन्होंने कहा, “मेरी अंतरिक्ष यात्रा समाप्त हो रही है, लेकिन हमारी- आप सभी की और मेरी – यात्रा अब भी बहुत लंबी है.” उनका यह बयान भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम की ओर इशारा करता है, जो आने वाले वर्षों में नए कीर्तिमान स्थापित करने की तैयारी में है. उन्होंने याद दिलाया कि 41 साल पहले राकेश शर्मा अंतरिक्ष गए थे और वहां से बताया था कि भारत कैसा दिखता है. आज फिर से दुनिया यह जानना चाहती है कि आज का भारत अंतरिक्ष से कैसा दिखता है.
अपने भाषण के समापन में उन्होंने भावुक और गर्व से भरे शब्दों में भारत की छवि को रेखांकित किया. उन्होंने कहा, “आज का भारत अंतरिक्ष से महत्त्वाकांक्षी दिखता है, आज का भारत निडर दिखता है, आज का भारत आत्मविश्वासी दिखता है, आज का भारत गर्व से भरा हुआ दिखता है और... आज का भारत अभी भी सारे जहाँ से अच्छा दिखता है.” उनका यह संदेश सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, जिसमें एक अंतरिक्ष यात्री की आंखों से भारत का रूप देखने को मिला.
उन्होंने अंत में कहा, “जल्द ही धरती पर मुलाकात होगी.” उनके इस विदाई संदेश ने देशवासियों के दिलों को छू लिया और भारत के भविष्य की अंतरिक्ष योजनाओं को लेकर उम्मीदें और अधिक प्रबल कर दी हैं.