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India Daily

कोलकाता में गीता पाठ के दौरान बवाल, वीडियो मे देखें चिकन पैटीज बेच रहे मुस्लिम विक्रेताओं की लात-घूंसों से पिटाई

कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में गीता पाठ के दौरान दो फूड वेंडरों से मारपीट और अपमान का मामला सामने आया है. वायरल वीडियो के बाद पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Ruckus erupts during Gita recitation in Kolkata two vendors selling chicken patties are brutally bea
Courtesy: @HateDetectors

कोलकाता में आयोजित भव्य ‘पंच लाखों कंट्ठे गीता पाठ’ कार्यक्रम में आध्यात्मिक माहौल के बीच एक हैरान करने वाली घटना सामने आई. भीड़ में शामिल तीन लोगों ने दो फूड वेंडरों को सिर्फ इसलिए पीटा और अपमानित किया क्योंकि वे चिकन पैटीज बेच रहे थे. घटना का वीडियो वायरल होते ही पुलिस हरकत में आई और तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. 

ऐसे शुरू हुआ विवाद

शनिवार को ब्रिगेड परेड ग्राउंड में लाखों लोग गीता पाठ में शामिल हुए थे. इसी दौरान तीन आगंतुकों ने दो वेंडरों को देखकर आपत्ति जताई कि धार्मिक आयोजन में मांसाहारी खाद्य पदार्थ क्यों बेचे जा रहे हैं. बात-बात में विवाद बढ़ा और मामला मारपीट तक पहुंच गया.

थप्पड़, मुक्कों से किया हमला

पीड़ित शेख रियाजुल और मोहम्मद सलाउद्दीन ने बताया कि आरोपियों ने पहले गालियां दीं, फिर थप्पड़ और मुक्कों से हमला किया. इतना ही नहीं, उन्हें कान पकड़कर उठक-बैठक कराने के लिए मजबूर किया गया. एक वेंडर ने दावा किया कि उसका तीन हजार रुपये का सामान बर्बाद हो गया. पीड़ितो ने बताया कि यही उनकी रोजी रोटी है और वे कई सालों से इसी पैटीज को बेचकर गुजारा कर रहे हैं.

पुलिस ने तीन आरोपियों की पहचान की

घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया. इसके बाद मैदान थाना पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और वायरल क्लिप की जांच करते हुए तीन आरोपियों की पहचान की. सभी को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस ने कहा कि मामले में जांच जारी है.

कौन हैं गिरफ्तार आरोपी

गिरफ्तार व्यक्तियों की पहचान सौमिक गोल्डर, तरुण भट्टाचार्य और स्वर्णेंदु चक्रवर्ती के रूप में हुई है. तीनों 7 दिसंबर को कार्यक्रम में शामिल होने कोलकाता आए थे. पुलिस सूत्रों का कहना है कि उनकी भूमिका की गहराई से जांच की जा रही है.

आयोजन पर उठे सवाल

इस कार्यक्रम में कई प्रमुख धार्मिक नेता और भाजपा के कई वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे. इतनी बड़ी भीड़ के बीच हुई हिंसा ने सुरक्षा व्यवस्थाओं पर चिंता बढ़ा दी. शहर में अब यह बहस तेज है कि आध्यात्मिक सभा कैसे हिंसा और धमकाने की घटना में बदल गई.