नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल विधानसभा में बंगाल दिवस को लेकर प्रस्ताव पारित हुआ. नियम 167 के तहत विधानसभा के पटल पर पेश किए गए प्रस्ताव के समर्थन में 167 वोट पड़े तो वहीं विरोध में 62 बीजेपी के विधायकों ने मतदान किया. वहीं आईएसएफ के इकलौते विधायक इस दौरान विधानसभा में मौजूद नहीं रहे. अब हर साल 15 अप्रैल को पोइला वैशाख (बंगाली नववर्ष) के दिन बंगाल दिवस मनाया जाएगा.
"गवर्नर में ज्यादा ताकत है या हम लोगों के पास"
प्रस्ताव पेश किये जाने के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि "मैं रवींद्रनाथ टैगोर के लिखे 'बांग्लार माटी, बांग्लार जोल' को राज्यगीत बनाने के प्रस्ताव का समर्थन करती हूं. राज्यपाल की मंजूरी ना मिलने बावजूद हम 15 अप्रैल को बंगाल दिवस मनाएंगे. हम देखना चाहते हैं कि गवर्नर में ज्यादा ताकत है या हम लोगों के पास है"
विधानसभा समिति ने 'बांग्ला दिवस' मनाने की थी सिफारिश
बीते दिनों पश्चिम बंगाल विधानसभा की ओर से राज्य का स्थापना दिवस का दिन निर्धारित करने के लिए गठित एक समिति ने सिफारिश की थी कि 15 अप्रैल को 'बांग्ला दिवस' के रूप में मनाया जाए. राज्य के संसदीय कार्य मंत्री सोवनदेब चट्टोपाध्याय ने कहा था कि समिति ने अंतिम निर्णय लेने के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा था. जिसके बाद विधानसभा से यह प्रस्ताव पारित किया गया है.
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